नई दिल्ली: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के संसदीय बोर्ड के असंतुष्ट अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा रविवार को पार्टी के सर्वोच्च नेता नीतीश कुमार के खिलाफ खुले विद्रोह पर उतर आए और उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को एक खुला पत्र जारी कर राजद के साथ 'एक खास डील' पर विमर्श के लिए लिए आमंत्रित किया है.


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कैसे शुरू हुई कुशवाहा और नीतीश के बीच जंग?
कुशवाहा उस समय से नाराज चल रहे हैं जब बिहार के मुख्यमंत्री कुमार ने उन्हें अपना दूसरा उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों को खारिज कर दिया था.


1). उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू कार्यकर्ताओं को लिखे पत्र में कहा कि पार्टी अपने आंतरिक कारणों से प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है तथा महागठबंधन बनने के बाद बिहार के विधानसभा उपचुनावों के परिणाम आने के समय से ही वह पार्टी की स्थिति से मुख्यमंत्री को लगातार अवगत करा रहे हैं.


2). उन्होंने कहा, 'समय-समय पर पार्टी की बैठकों में भी मैंने अपनी बातें रखीं हैं. विगत एक-डेढ महीने से मैंने हर संभव तरीके से कोशिश की है कि दिनोंदिन अपना अस्तित्व खोती जा रही पार्टी को बचाया जा सके.'


3). उपेंद्र कुशवाहा ने पत्र में कहा है, 'मेरी कोशिश आज भी जारी है. परन्तु तमाम प्रयासों के बावजूद मुख्यमंत्री द्वारा मेरी बातों की न सिर्फ अनदेखी की जा रहीं है बल्कि उसकी व्याख्या भी गलत तरीके से की जा रही है.'


4). उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है, 'मेरी चिंता और जहां तक मैं समझता हूं आप सभी की चिंता भी इस बात को लेकर है कि अगर जदयू बिखर गया तो उन करोड़ लोगों का क्या होगा जिनके अरमान इस दल के साथ जुड़े हुए हैं और जिन्होंने बडे़-बडे़ कष्ट सहकर और अपनी कुर्बानी देकर इसके निर्माण में अपना योगदान किया है.'


5). उपेंद्र कुशवाहा ने कहा,' राजद की ओर से 'एक खास डील' और जदयू का राजद के साथ विलय की चर्चा ने न सिर्फ पार्टी के निष्ठावान नेताओं/ कार्यकर्ताओं वरन आम जन मानस को भी झकझोर कर रख दिया है,ऐसी परिस्थिति में हम सबके समक्ष राजनीतिक शुन्यता की स्थिति बनती जा रही हैं.'


6). जदयू नेता ने पार्टी कार्यक्रर्ताओं से कहा कि इसलिए आज आवश्यकता इस बात की आ गई है कि हम सब मिलकर उक्त विषय पर विमर्श करें. उन्होंने इसके लिए अपनी पार्टी के नेताओं/ कार्यकर्ताओं को 19 और 20 फरवरी को बैठक में शामिल होने के लिए कहा है ताकि राजद के साथ पार्टी के विशेष सौदे के पीछे की सच्चाई के बारे में चर्चा की जा सके.


कुशवाहा ने हाल में राजद पर सत्ता के विकेंद्रीकरण के समाजवादी आदर्श से भटकने और एक परिवार के भीतर सभी अधिकार केंद्रित करने का आरोप लगाया था.


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