बेंगलुरू: कर्नाटक से एक हतप्रभ करने वाली खबर सामने आई. बताया जा रहा है कि एक ट्रेन में दिल्ली से कई मजदूर बेंगलुरू पहुंचे थे लेकिन कर्नाटक सरकार ने इनमे से 19 लोगों को वापस भेज दिया. लोगों के मन में ये सवाल तेजी से उठ रहा है कि आखिर कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार ने ऐसा क्यों किया. एक तरफ जब सभी प्रदेश सरकारें अपने लोगों वापस बुला रही हैं तब कर्नाटक सरकार ने ऐसा क्यों किया.


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क्वारंटाइन नहीं होना चाहते थे प्रवासी


आपको बता दें कि प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया है कि  इन लोगों ने क्वारंटीन में जाने से मना कर दिया था जिसके बाद उन्हें वापस भेजा गया. सरकार के फैसले के मुताबिक, कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के उपाय के तहत उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटीन सेंटर भेजा जाएगा.


उल्लेखनीय है कि बेंगलुरु महानगर पालिका के अधिकारियों के हवाले से रेलवे ने बताया कि दिल्ली से गुरुवार को 543 मुसाफिर यहां पहुंचे. सीमित संख्या में ट्रेनों का परिचालन शुरू होने के बाद कर्नाटक पहुंचने वाली यह पहली ट्रेन थी.


क्वारंटाइन सेंटर में न जाने की जिद


सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के अनुसार यात्रियों को क्वारंटीन सेंटर में जाने से मना करते देखा जा सकता है. यात्री समूह में खड़े हैं, तालियां बजा रहे हैं और नारेबाजी कर रहे हैं 'क्वारंटीन' में नहीं. रेलवे ने बताया कि राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, पुलिस और रेलवे अधिकारियों द्वारा चर्चा के बाद उनमें से अधिकतर पृथक-वास में जाने को राजी हो गए.


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कर्नाटक में 981 लोग संक्रमित


कर्नाटक में कोरोना से दो और मौत होने से मृतकों की संख्या 35 हो गई जबकि संक्रमण के 22 नए मामलों की पुष्टि होने से राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 981 पहुंच गई है. स्वास्थ्य विभाग ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कुल मामलों में कर्नाटक नंबर 13 पर है. महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 26 हजार से भी अधिक मामले हैं, जो भारत के सभी राज्यों में सबसे ज्यादा है.