वाशिंगटन: अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिकंन ने शुक्रवार को यूक्रेन युद्ध पर पीएम मोदी की टिप्पणी का स्वागत किया है. ब्लिंकन ने कहा कि भारत और चीन के नेताओं द्वारा यूक्रेन युद्ध को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष अपनी चिंताएं व्यक्त करना यह दिखाता है कि विश्व इस आक्रमण के असर को लेकर फिक्रमंद है. 


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क्या बोले थे पीएम मोदी
गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से शुक्रवार को बातचीत में यूक्रेन में संघर्ष को जल्द समाप्त करने पर जोर देते हुए कहा कि ‘‘आज का युग युद्ध का नहीं है.’’ फरवरी में यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से दोनों नेताओं के बीच पहली बार आमने-सामने मुलाकात हुई है. 


एससीओ के वार्षिक शिखर सम्मेलन 
समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के इतर एक द्विपक्षीय बैठक में मोदी ने यूक्रेन में अस्थिरता को जल्द से जल्द समाप्त करने का आह्वान करते हुए ‘‘लोकतंत्र, संवाद और कूटनीति’’ के महत्व को रेखांकित किया. 


ब्लिंकन का बयान
ब्लिंकन ने शुक्रवार को कहा, ‘‘आप चीन, भारत से जो सुन रहे हैं, वह यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का न केवल यूक्रेन के लोगों बल्कि पूरी धरती के लोगों और देशों पर असर को लेकर विश्व की चिंता दिखाता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल यूक्रेन और उसके लोगों पर आक्रमण नहीं है बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांतों पर आक्रमण है, जो शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने में मदद करते हैं.’’ 


अमेरिकी मीडिया में भी पीएम मोदी की तारीफ
अमेरिका की मुख्यधारा की मीडिया ने भी शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी की पुतिन को यह कहने के लिए तारीफ की कि यह यूक्रेन में युद्ध का वक्त नहीं है. ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने शीर्षक दिया, ‘‘मोदी ने यूक्रेन में युद्ध के लिए पुतिन को फटकार लगाई.’’ समाचार पत्र ने लिखा, ‘‘मोदी ने पुतिन को आश्चर्यजनक रूप से सार्वजनिक फटकार लगाते हुए कहा: ‘आधुनिक दौर युद्ध का युग नहीं है और मैंने आपसे इस बारे में फोन पर बात की है.’’ 


इसमें कहा गया, ‘‘इस दुर्लभ निंदा के कारण 69 वर्षीय रूसी नेता सभी पक्षों की ओर से अत्यधिक दबाव में आ गए.’’ 


मोदी से क्या बोले थे पुतिन
पुतिन ने मोदी से कहा, ‘‘मैं यूक्रेन में संघर्ष पर आपका रुख जानता हूं, मैं आपकी चिंताओं से अवगत हूं, जिनके बारे में आप बार-बार बताते रहते हैं. हम इसे जल्द से जल्द रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं. 


दुर्भाग्यपूर्ण रूप से, विरोधी पक्ष यूक्रेन के नेतृत्व ने वार्ता प्रक्रिया छोड़ने का ऐलान किया और कहा कि वह सैन्य माध्यमों से यानी ‘युद्धक्षेत्र में’ अपना लक्ष्य हासिल करना चाहता है. फिर भी, वहां जो भी हो रहा है, हम आपको उस बारे में सूचित करते रहेंगे.’’ यह ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ और ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ के वेबपेज की मुख्य खबर थीा. वहीं चिनफिंग ने रूसी राष्ट्रपति की तुलना में अधिक शांत लहजा अपनाया और अपने सार्वजनिक बयानों में यूक्रेन के जिक्र से बचने की कोशिश की.

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