नई दिल्ली: उत्तराखंड में एक बार फिर त्रासदी ने कहर बरपाया है. चमोली में रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है, जिसमें एमआई-17 और ध्रुव हेलीकॉप्टर भी लगाए गए हैं. स्नीफर डॉग्स की भी मदद ली जा रही है. राहत बचाव में ITBP और सेना के जवान जुटे हुए हैं.


उत्तराखंड में फिर त्रासदी का कहर


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

DGP अशोक कुमान ने कहा है कि 100 के करीब हमारे पास संख्या है, लेकिन नाम नहीं है. 202 लोगों में से 19 की डेड बॉडी मिल चुकी है. 180 मीटर के बाद टनल में बेंड है. रेस्क्यू तो यही है बाकी जगह राहत पहुंचाई जाएगी. शुरू से ITBP  का सपोर्ट रहा है.



इस भयावह त्रासदी से हर कोई सिहर उठा है. डीजी ने कहा है कई लोगों के धौली गंगा में बह जाने की आशंका है. उत्तराखंड के इस आपदा में अब तक 19 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. अबतक रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए 27 लोगों को बचाया गया है और अभी भी 200 लोगों से ज्यादा लोग लापता हैं. आपको इस तबाही से जुड़ा 10 बड़ा अपडेट दे देते हैं.


उत्तराखंड तबाही पर 10 बड़े अपडेट


1- ग्लेशियर टूटने से अबतक 19 लोगों की मौत
2- तपोवन टनल में फंसे 27 लोगों को बचाया गया
3- उत्तराखंड हादसे में 200 से ज्यादा लोग लापता
4- टनल में 30 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका
5- एवलांच की वजह से 13 गांवों से संपर्क टूटा
6- NDRF, SDRF और ITBP बचाव में जुटी
7- टनल में अभी भी काफी मलबा जमा हुआ है
8- नदी के बहाव की रफ्तार कम हुई, खतरा कम हुआ
9- घायलों के इलाज के लिए फील्ड अस्पताल तैयार
10- उत्तराखंड हादसे पर कई देशों ने जताया दुख


उत्तराखंड पुलिस ने कहा कि कल सुबह तक ऑपरेशन पूरा हो सकता है. तपोवन टनल में अभी भी 30 से 40 लोगों के फंसे होने की आशंका है. टनल में मलबा होने की वजह से रेस्क्यू में दिक्कत आ रही है. उत्तराखंड में ग्राउंड जीरो पर हेलीकॉप्टर से निगरानी की जा रही है, कहीं कोई फंसा हुआ तो नहीं है. मौके पर क्रेन की मदद से बचाव का काम चल रहा है. रेस्क्यू मिशन में जवानों को लगाया गया है. बचाव युद्ध स्तर पर चल रहा है. कहीं कोई व्यक्ति किसी स्थान पर फंस तो नहीं गया, इसलिए खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है.



इसे भी पढ़ें- Chamoli में आपदा पर एकजुट हुआ हिंदुस्तान, तस्वीरों के ज़रिए हादसे की पूरी कहानी जानिए


पहले प्रोजेक्ट से 30 से अधिक लोग अब भी लापता हैं और दूसरे प्रोजेक्ट से 120 से ज्यादा लोग लापता हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि करीब 100 लोग ऐसे हैं जिनके बारे में कोई जानकारी नहीं है. इनमें से 19 शव बरामद हो गए हैं. तपोवन प्रोजेक्ट में दो टनल थीं, छोटी टनल से कल 12 लोगों को बचाया गया था. बड़ी टनल से मलबा बाहर निकला जा रहा है. उम्मीद की जा रही है कि शाम तक टनल को साफ कर लिया जाएगा. बड़ी टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है.


केदारनाथ त्रासदी की आ गई याद


केदारनाथ में साल 2013 में आई प्राकृतिक आपदा की यादें अभी धुंधली भी नहीं हुई थीं कि उत्‍तराखंड के चमोली में ग्‍लेशियर टूटने से बड़ी तबाही हुई. ग्‍लेशियर टूटने से आए सैलाब ने अभी तक करीब 200 लोग लापता है. ऐसे में ये जनना और समझना जरूरी हो गया आखिर प्राकृतिक आपदा होने के पीछे क्या वजहें रही होंगी.



- ग्लोबल वॉर्मिंग यानी पृथ्वी का बढ़ता तापमान
- बर्फीली जगहों पर सैलानियों की बढ़ती संख्या 
- ग्लेशियर के कमजोर होने का खतरा रहता है 
- ट्रैकिंग के बाद ग्लेशियर पर कचरा छोड़ देते हैं
- कचरे की गर्मी से भी ग्लेशियर पिघलते हैं


आखिर ग्लेशियर क्यों टूटते हैं. सबसे बड़ी वजह है ग्लोबल वार्मिंग यानी धरती का तापमान बढ़ता है, दूसरी वजह है बर्फीले इलाकों में सैलानियों की बढ़ती संख्या और वहीं देरी से बर्फबारी भी इसके लिए जिम्मेदार है. पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से भी तापमान बढ़ता है और परेशानी बढ़ती है.


सर्दी में ग्लेशियर फटने की वजह


  • जहां ग्लेशियर टूटा वहां बर्फबारी में लगातार कमी

  • ग्लेशियर के आसपास 2 दशकों से बर्फबारी में लगातार कमी

  • कम बर्फबारी से गंगा और ब्रह्मपुत्र बेसिन में बर्फ घटा

  • पहले सितंबर से बर्फबारी शुरू होती थी अब इसमें देरी

  • जनवरी से मार्च के बीच अब ज्यादा बर्फबारी होती है

  • मार्च के बाद गर्मी शुरू होने से बर्फ का जमना बंद होता है

  • देरी से बर्फबारी होने से बर्फ की मोटी परत नहीं बनती

  • पहाड़ों पर बीते कुछ दशकों से तापमान लगातार बढ़ा

  • पहाड़ों पर अब औसत दोपहर में 5 डिग्री तक तापमान

  • तापमान बढ़ने से ग्लेशियर पिघलने की गति बढ़ी

  • पेड़ों की कटाई, पहाड़ों पर निर्माण का भी असर


ग्लेशियर क्या होता है?


ठोस बर्फ का विशालकाय आकार होता है, जो बर्फ की कई लेयर एक साथ जम जाती है. ठोस जमा हुआ बर्फ ग्लेशियर कहा जाता है. फुटबॉल मैदान या उससे भी बड़ा हो सकता है. ग्लेशियर दो प्रकार के होते हैं. पहला समंदर में घाटी ग्लेशियर और दूसरा ऊंचाई वाले पहाड़ों पर ग्लेशियर..


इसे भी पढ़ें- PM Narendra Modi In West Bengal's Haldia: Uttarakhand में कुदरत के भीषण कहर पर ये कहा PM Modi ने


उत्तराखंड के निचले इलाकों में अब भी हाई अलर्ट है. ऋषिकेश में पुलिस ने गंगा घाटों को खाली कराया गया है. चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद से ही प्रशासन सतर्क है. उत्तराखंड के चमोली में रविवार सुबह अचानक तबाही ने भयानक दस्तक दी. तपोवन इलाके में ग्लेशियर टूटने के बाद वहां नदी का जलस्तर बढ़ गया और फिर पानी का ऐसा ख़ौफ़नाक बहाव आया जो अपने साथ तिनके की तरह सब कुछ बहा कर ले गया. फिलहाल रेस्क्यब चल रहा है.


इसे भी पढ़ें- Uttarakhand Cloud Burst: ITBP का Rescue Operation जारी - तबाही में 150 लोगों के हताहत होने की आशंका


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.