नई दिल्लीः उत्तराखंड के उत्तरकाशी में चारों धारों धामों को जोड़ने वाली निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को 17 दिनों की जद्दोजहद के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. सुरंग से बाहर निकले झारखंड के 22 वर्षीय मजदूर बेदिया ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि हम सभी ने तो शुरू में जिंदा बचने की सारी उम्मीदें छोड़ दी थीं. टनल में फंसने के बाद शुरुआती दिन हम सभी ने मुरमुरे खाकर और पत्थरों से रिस रहे पानी को चाटकर जीवित रहने की कोशिश की. 


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'शुरू में जीने की छोड़ चुके थे उम्मीद'
बेदिया ने कहा, ‘यह भयावह अग्निपरीक्षा की तरह था. अचानक हवा में तेज चीखें गूंज उठीं. शुरू के दिनों में हमने जिंदा रहने की उम्मीद छोड़ दी थी. शुरू के कुछ दिनों तक प्यास बुझाने के लिए हम सभी ने पत्थरों से रिस रहा पानी चाटा और मुरी पर जिंदा रहे. हमारे जिंदा रहने की उम्मीद पहली बार तब जगी जब अधिकारियों ने कुछ समय बाद हमसे संपर्क साधा.’ 


रैट माइनर्स के लिए CM पुष्कर सिंह धामी का ऐलान
वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर ऑपरेशन में लगे रैट माइनर्स के लिए एक बड़ा ऐलान किया गया है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा किया है कि जिन लोगों ने सुरंग की खुदाई में काम किया है, उन्हें 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे. सिलक्यारा टनल के सफल ऑपरेशन के बाद पुष्कर सिंह धामी ने सभी 41 मजदूरों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने एक बयान भी जारी किया. उसमें उन्होंने कहा कि मैं टनल से बाहर आए मजदूरों से मिला हूं. वे स्वस्थ और बहुत खुश हैं. उनकी चिकित्सा जांच की गई है. 


पचास-पचास हजार रुपये का किया ऐलान
पुष्कर सिंह धामी ने आगे कहा, 'जांच में किसी भी मजदूर में किसी भी तरह की समस्या नहीं पाई गई है. आगे की जांच के लिए उन्हें एम्स, ऋषिकेश भेजा जाएगा. वादे के मुताबिक टनल से बाहर आए मजदूरों को एक-एक लाख रुपये के चेक दिए जाएंगे. इसके अलावा इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाले बचावकर्मियों को भी राज्य सरकार की ओर से पचास-पचास हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा.'


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