नई दिल्ली: Utarkashi Tunnel: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा सुरंग में 41 मजदूरों को फंसे हुए 12 दिन हो गए. लेकिन माना जा रहा है कि मजदूर जल्द ही सूरज देख पाएंगे. दरअसल, अब केवल 12 मीटर की ड्रिलिंग बची है, जिसे बेहद जल्द पूरा कर लिया जाएगा. मजदूरों के बाहर आने की उम्मीद बढ़ते देख पास ही के चिन्यालीसौड हवाई अड्डे पर हेलीकॉप्टर भी तैनात किए जा रहे हैं. ताकि मजदूरों को एयरलिफ्ट भी किया जा सके. जानकारी के मुताबिक,पाइप को अंदर भेजते समय आगे का हिस्सा लोहे की सरिया से टकराकर मुड़ गया था. उसे गैस कटर से काटकर अलग किया गया है. कुछ देर ड्रिलिंग रोकने के बाद फिर शुरू की गई.


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स्टील के टुकड़े निकाले
रेस्क्यू ऑपरेशन टीम के सदस्यों ने बताया है कि हमें उम्मीद है कि आगामी कुछ घण्टों के भीतर ही बड़ा नतीजा देखने को मिल सकता है. मलबे में दबे कुछ स्टील के टुकड़ों को काटकर हटा दिया है. पाइपलाइन को डालने का काम लगातार जारी है. 


टनल के बाहर क्या-क्या तैयारियां
- टनल के पास 41 एंबुलेंस लाई गई हैं
- सिल्क्यारा हॉस्पिटल में 41 बेड तैयार
- एयरलिफ्ट के लिए हेलीकॉप्टर भी तैयार
- AIIMS ऋषिकेश को अलर्ट मोड पर रखा गया
- उत्तरकाशी और चिन्यालीसैंण अस्पताल भी तैयार


जानें पूरा मामला
गौरतलब है कि 12 नवंबर को चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था. इस कारण 41 मजदूर मलबे से दूसरी ओर फंस गए. इन्हें निकालने के लिए बीते 12 दिन से बचाव अभियान चल रहा है, जो अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है.


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