अपनी हत्या के 2.5 माह बाद वंदना दास बनीं डॉक्टर, माता-पिता को सौंपी गई एमबीबीएस की डिग्री
केरल के कोट्टायम जिले के कडुथुरुथी क्षेत्र की रहने वाली वंदना दास को उनकी हत्या के ढाई महीने बाद (मरणोपरांत) एमबीबीएस की डिग्री मिली है. वंदना दास की एमबीबीएस की डिग्री उनके पिता केजी मोहनदास और मां वसंतकुमारी को दीक्षांत समारोह में केरल के राज्यपाल और केरल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (केयूएचएस) के चांसलर आरिफ मोहम्मद खान के हाथों सौंपी गई.
नई दिल्लीः केरल के कोट्टायम जिले के कडुथुरुथी क्षेत्र की रहने वाली वंदना दास को उनकी हत्या के ढाई महीने बाद (मरणोपरांत) एमबीबीएस की डिग्री मिली है. वंदना दास की एमबीबीएस की डिग्री उनके पिता केजी मोहनदास और मां वसंतकुमारी को दीक्षांत समारोह में केरल के राज्यपाल और केरल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (केयूएचएस) के चांसलर आरिफ मोहम्मद खान के हाथों सौंपी गई.
माता-पिता की इकलौती संतान थीं वंदना दास
वंदना दास अपने माता-पिता की इकलौती संतान थीं और उनकी उम्र 22 वर्ष थी. वंदना दास एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थीं और अंतिम वर्ष की परीक्षा पास करने के पास बतौर सर्जन कोट्टाराकारा तालुक अस्पताल में अपनी इंटर्नशिप पूरी कर रही थीं. इस दौरान 10 मई 2023 को एक युवक के द्वारा उनकी चाकू गोदकर हत्या कर दी गई थी.
सर्जिकल कैंची से किया हमला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 10 मई को पुलिस संदीप नाम के एक शख्स, जो कि पेशे से शिक्षक था उसे मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल लाई थी. इसी दौरान संदीप अपना आपा खो बैठा और पास में रखी सर्जिकल कैंची से पुलिस अधिकारी समेत ड्रेसिंग रूम में मौजूद सभी व्यक्तियों पर हमला शुरू कर दिया.
वंदना पर 10 से अधिक बार किया था वार
यह देखकर ड्रेसिंग रूम में मौजूद कुछ लोग जो भागने में सफल रहे वे भाग गए, लेकिन वंदना नहीं भाग पाईं. इसके बाद संदीप ने कैंची से लगातार वंदना के ऊपर हमला करना शुरू कर दिया. इस दौरान उसने वंदना की छाती, गर्दन और कई अन्य जगहों पर कई बार वार किया. आनन फानन में वंदना को तिरुवनंतपुरम के एक अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वंदना नहीं बच पाईं और उनकी मौत हो गई. वंदना के शव की जांच करने के बाद पता चला कि संदीप ने वंदना के गर्दन और पीठ पर सर्जिकल कैंची से 10 से अधिक बार वार किया था.
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