नई दिल्ली: चीन चालबाजी और धोखेबाजी का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में शुक्रवार को उच्चस्तरीय बैठक हुई. इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल (Ajeet Doval), चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत (Bipin Rawat) और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे हैं. सभी शीर्ष अधिकारियों ने युद्ध की सभी संभावित परिस्थितियों पर मंथन किया और देश को सुरक्षित रखने पर गंभीरता से विचार किया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दो घंटे तक चला मंथन



आपको बता दें राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के साथ बैठक दो घंटे तक चली. इसमें सभी परिस्थितियों पर मंथन किया गया. उल्लेखनीय है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा LAC पर चीन लगातार घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा है. भारतीय सेना उसे खदेड़ रही है. पैंगोंग झील के आसपास के क्षेत्र में भारतीय सेना ने कई चोटियों पर अपना कब्जा कर लिया है. मोदी सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने इन सभी मुद्दों पर गहनता से विचार किया.


चीन का गुरुर तोड़ना जरूरी


क्लिक करें- Terrorists in Jammu Kashmir: बडगाम में एक आतंकी ढेर, दो पकड़े गए


गौरतलब है कि यह बैठक ऐसे वक्त में हुई है जब सीमा पर भारत-चीन के ब्रिगेड कमांडर्स स्तर के सुरक्षा अधिकारी सुबह 11 बजे से बातचीत कर रहे हैं.  पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला इलाके में चीनी सैनिकों की नापाक हरकत के बाद से ही सोमवार और मंगलवार को छोड़कर रोज़ाना आधार पर भारत-चीन सैनिकों के बीच बातचीत जारी है.


चीन की हर कार्रवाई का भारत दे रहा करारा जवाब


LAC चीन की आक्रामक कार्रवाई के खिलाफ भारत की तरफ से जोरदार जवाब दिया जा रहा है. एक दिन पहले भारतीय सेना से पैंगोंग त्सो में ऊंचाई वाली जगहों पर कब्जा किया है. इससे चीन बहुत बौखलाया हुआ है. दूसरी तरफ मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से इतर भारतीय विदेश मंत्री की उनके चीनी समकक्षीय विदेश मंत्री के साथ करीब दो घंटे से ज्यादा समय तक बैठक हुई.