नई दिल्ली.  पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने केंद्र सरकार और राज्य की ममता सरकार को एक गोपनीय पत्र लिखा है. ठीक एक दिन पहले राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसू ने गवर्नर पर 'उच्च शिक्षा' सिस्टम को बर्बाद करने और विश्वविद्यालयों में 'कठपुतली प्रशासन' चलाने का आरोप लगाया है. समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक अब गवर्नर ने बड़े एक्शन की चेतावनी दी है. 


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आधी रात को भेजे गए दो सीलबंद लेटर
शनिवार को आधी रात में पश्चिम बंगाल के गवर्नर ने दो सीलबंद लेटर पर हस्ताक्षर किए हैं. इनमें से एक लेटर राज्य सचिवालय नबन्ना और दूसरा केंद्र को भेजा गया है. एक अधिकारी ने जानकारी दी-लेटर में क्या लिखा है, इसकी जानकारी बाद में मिल जाएगी. अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी से ऐसा लग रहा है कि लेटर हाल में गवर्नर और राज्य सरकार के बीच हुई जुबानी जंग को लेकर है. 


मुख्य सचिव से मीटिंग के बाद भेजा खत
गवर्नर ने यह लेटर राजभवन में राज्य के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी के साथ हुई मीटिंग के बाद लिखा. हालांकि इस मीटिंग में क्या बातचीत हुई, इसे लेकर राज्य और गवर्नर ऑफिस दोनों ही तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई है. इससे पहले गवर्नर ने शिक्षा मंत्री के आरोपों को लेकर चेतावनी दी थी कि आधी रात को सख्त एक्शन की चेतावनी दी थी. गवर्नर ने पत्रकारों से कहा था-मध्य रात्रि का इंतजार कीजिए, आप देखेंगे कि क्या कार्रवाई हुई.


शिक्षा मंत्री का पोस्ट
गवर्नर के बयान के बाद शिक्षा मंत्री ने बिना नाम लिए मजाक भी उड़ाया. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा-आधी रात का इंतजार करें, कार्रवाई का इंतजार करें. उन्होंने कहा कि मैं 'राक्षस प्रहार' का इंतजार कर रहा हूं. दरअसल राज्य के विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर सरकार और गवर्नर के बीच जुबानी जंग चल रही है. इसी क्रम में ब्रत्य बसू ने गवर्नर पर आरोप लगाए हैं. 


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