पश्चिम बंगालः पंचायत चुनाव में हिंसा को लेकर निर्वाचन आयोग हुआ सख्त, दिया ये आदेश
पश्चिम बंगाल निर्वाचन आयोग ने रविवार को ऐलान किया कि 697 बूथों पर 10 जुलाई को पुनर्मतदान होगा जहां शनिवार को हुए पंचायत चुनाव के दौरान मतदान अमान्य घोषित किया गया था. राज्य के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीट के लिए शनिवार को हुए मतदान के दौरान लगभग मतदाताओं ने 61,636 मतदान केंद्रों पर वोट डाले. उन्होंने 2.06 लाख उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला किया.
नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल निर्वाचन आयोग ने रविवार को ऐलान किया कि 697 बूथों पर 10 जुलाई को पुनर्मतदान होगा जहां शनिवार को हुए पंचायत चुनाव के दौरान मतदान अमान्य घोषित किया गया था. राज्य के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीट के लिए शनिवार को हुए मतदान के दौरान लगभग मतदाताओं ने 61,636 मतदान केंद्रों पर वोट डाले. उन्होंने 2.06 लाख उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला किया.
केंद्रीय पुलिस बल के जवान होंगे तैनात
एक अधिकारी ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने रविवार शाम को एक बैठक की, जिसमें वोट से छेड़छाड़ और हिंसा की खबरों पर गौर किया गया और आदेश पारित किया गया. इन घटनाओं से कई जगहों पर मतदान प्रभावित हुआ. उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जिन बूथ पर पुनर्मतदान का आदेश दिया गया है, वहां केंद्रीय पुलिस बल के कम से कम चार जवान तैनात किए जाएंगे.
अमित शाह से मिल सकते हैं राज्यपाल
जिन जिलों में पुनर्मतदान की घोषणा की गई है, उनमें मुर्शिदाबाद में सबसे अधिक 174 बूथ हैं, उसके बाद मालदा में 110 बूथ हैं. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस रविवार को नई दिल्ली के लिए रवाना हुए, जहां पहुंचकर उनके केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने और राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा पर एक रिपोर्ट सौंपने की संभावना है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
हिंसा के दौरान कम से कम 15 की मौत
राज्य में शनिवार को मतदान के दौरान हुई हिंसा में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई. अधिकारी ने बताया, ‘राज्यपाल दिल्ली जा रहे हैं. उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करनी है और शनिवार को पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनावों पर एक रिपोर्ट सौंपनी है.’ अधिकारी ने बताया कि बोस के सोमवार सुबह शाह से मिलने की संभावना है.
राज्यपाल ने तैयार की है रिपोर्ट
उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने ग्रामीण चुनावों की पृष्ठभूमि में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की है. राज्यपाल ने शनिवार को मतदान के दौरान विभिन्न स्थानों, मुख्य रूप से उत्तरी 24 परगना जिले का दौरा करके स्थिति का जायजा लिया था. कोलकाता में राज्य चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर भाजपा समर्थकों ने प्रदर्शन किया और शांतिपूर्वक चुनाव कराने में चुनाव आयोग की कथित 'अक्षमता' को लेकर एसईसी के खिलाफ नारे लगाए. इस दौरान इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.
पूर्व मेदिनीपुर जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं ने नंदकुमार में हल्दिया-मेचेदा राज्य राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया और आरोप लगाया कि श्रीकृष्णपुर उच्च विद्यालय में मतगणना केंद्र पर मतपेटियों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है.
कांग्रेस ने बीजेपी और टीएमसी पर साधा निशाना
कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंचायत चुनाव के दौरान केंद्रीय बलों को राज्य में तैनात करने में देरी करने का निर्देश दिया था, ताकि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को मतों की लूट करने में मदद मिल सके. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि नई दिल्ली में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच एक समझौता हो गया है और 'इस एहसान के बदले में' टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ एकजुट विपक्ष की लड़ाई में 'खेल बिगाड़ेंगी.'
चौधरी ने ममता बनर्जी को भी लिया आड़े हाथ
चौधरी ने कहा, 'केंद्रीय गृह मंत्री और नयी दिल्ली में भाजपा के निर्देशों के तहत केंद्रीय बलों को बंगाल आने में देरी हुई. उनका बंगाल में टीएमसी के साथ समझौता है और यही कारण है कि केंद्रीय बलों को आने में देर हुई. उन्होंने टीएमसी को मतों की लूट का अवसर दिया, ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि भविष्य में दीदी (ममता बनर्जी) प्रस्तावित विपक्षी मोर्चे को तोड़ने के लिए 'गद्दार' के तौर पर काम करेंगी.'
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