West Bengal: स्कूल घोटाले में 25000 टीचर्स हुए बरोजगार, लेकिन इस महिला की नौकरी कैसे बची?
Soma Das Bengal:कलकत्ता हाई कोर्ट ने 2016 में हुई हर भर्ती को रद्द कर दिया. इन भर्तियों में अनियमितताओं के चलते इन्हें रद्द किया गया है. हालांकि, सोमा दास नामक एक महिला की नौकरी नहीं गई है.
नई दिल्ली: Soma Das Bengal: पश्चिम बंगाल के कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2016 में हुई हर भर्ती को रद्द कर दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 2016 में SSC के तहत हुई हर भर्ती रद्द की जाती है. हालांकि, इस मामले में एक महिला की नौकरी बच गई है.
किस महिला की नौकरी बची और क्यों?
कोर्ट ने सिर्फ एक महिला की नौकरी को बरकरार रखा है. महिला का नाम सोमा दास हैं, जो कैंसर से पीड़ित हैं. कोर्ट ने मानवीय आधार पर इनकी नौकरी जारी रखने का आदेश दिया है. सोमा बीरभूम के नलहाटी की रहने वाली हैं. सोमा की भर्ती को लेकर भी विवाद था, जो कोर्ट पहुंचा था. तब सोमा दास ने बताया था कि उन्हें अपने इलाज के लिए 15 लाख रुपये की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यदि ये नौकरी नहीं मिलेगी, तो इलाज कैसे होगा? बाद में उन्हें नियुक्ति मिल गई थी. तब जज ने उन्हें कहा था कि क्या आप किसी अन्य सरकारी विभाग में काम कर सकती हैं. तब सोमा ने कहा था- नहीं, टीचर बनना ही मेरा सपना है. मुझे सहानुभूति की नौकरी नहीं चाहिए.
क्या है स्कूल नौकरी घोटाला?
साल 2016 में पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने स्कूलों में शिक्षक भर्ती निकाली थी. इस भर्ती के जरिये Secondary और Higher Secondary स्कूलों के लिए शिक्षकों का सिलेक्शन होना था. इस भर्ती में अनियमितता के आरोप लगे. फिर मामला हाई कोर्ट पहुंचा. इस घोटाले को लेकर कई याचिकाएं दायर हुईं. कोर्ट ने सब पर एक साथ सुनवाई की.
पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की हुई थी गिरफ्तारी
इसके बाद CBI ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर जांच की. इस मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी हुई. पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के कुछ पदाधिकारी भी गिरफ्तार हुए. CBI ने दो महीने के भीतर पूरी जांच कर रिपोर्ट सौंप दी. फिर इस मामले में 20 मार्च तक सुनवाई पूरी हुई.
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