नई दिल्ली: Shakti Scheme Karnataka: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के लिए 'शक्ति स्कीम' गले की फांस बन गई है. हाल में राज्य के डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने इस योजना पर पुनर्विचार करने का बयान दिया था. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की नाराजगी सामने आई है. आइए, जानते हैं कि शक्ति स्कीम क्या है और खड़गे ने कर्नाटक सरकार से नाराजगी क्यों जताई है.

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क्या है शक्ति स्कीम?
शक्ति स्कीम उन 5 गारंटियों में से एक है, जिन्हें चुनाव के समय लागू करने का वादा किया गया था. शक्ति स्कीम के तहत महिलाओं को राज्य सरकार की बसों में फ्री यात्रा की सुविधा दी जाती है. कांग्रेस ने इस योजना को 11 जून, 2023 को लॉन्च किया गया था. इस योजना का उद्देश्य महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्वतंत्रता को मजबूती देना था.

डीके ने क्यों दिया पुनर्विचार का बयान?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 18 अक्टूबर, 2024 शक्ति योजना पर ₹7,507.35 करोड़ खर्च आया. कुछ विपक्ष नेताओं और विश्लेषकों ने कहा कि इससे राज्य सरकार के बजट पर भारी भार पड़ है. इसे सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग भी बताया गया. डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने हाल ही में कहा कि महिलाएं किराया चुकाने की इच्छा जता रही हैं, इसलिए इस योजना पर पुनर्विचार किया जा सकता है.

खड़गे ने जताई नाराजगी
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने डीके के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा- कर्नाटक की पांच गारंटियों को देखकर मैंने महाराष्ट्र में पांच गारंटी की घोषणा की. मगर अब आप कह रहे हैं कि हम एक गारंटी को हटा रहे हैं. खड़गे ने आगे ये भी कहा कि चुनाव के दौरान ऐसे वादे नहीं किए जाने चाहिए, जिन्हें पूरा नहीं किया जा सके या राज्य पर वित्तीय भारत डालें.

CM को देनी पड़ गई सफाई
इसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सफाई देनी पड़ी. उन्होंने कहा कि सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने (डीके शिवकुमार) वही कहा, जो कुछ महिलाएं कह रही हैं. सरकार किसी स्तर पर इस योजना को लेकर पुनर्विचार नहीं कर रही है, हमारा कोई इरादा नहीं है.

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