नई दिल्ली: एक तरफ अतीक अहमद और उसके गुर्गों पर यूपी एसटीएफ की कार्रवाई जारी है, तो दूसरी तरफ सियासी बयानबाजी भी अपने चरम पर है. समाजवादी पार्टी योगी सरकार के तरीकों पर लगातार सवाल उठा रही है और योगी आदित्यनाथ पर संविधान को कुचलने का आरोप लगा रही है. समाजवादी पार्टी सांसद शफीकुर्ररहमान बर्क ने योगी राज में चल रहे बुलडोजर की कार्रवाई को कानून के खिलाफ बताया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शफीकुर्रहमान ने योगी सरकार को कोसा
एसपी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि 'इस तरीके से खुद ही पकड़ा, खुद ही सजा दे दी. बुलडोजर चलवा दिया तो ये कोई तरीका नहीं है. इसका मतलब ये की कानून को नहीं मानते हो.' वहीं अतीक अहमद के प्रयागराज लाए जाने की खबरों के बीच अखिलेश यादव ने गाड़ी पलटने को लेकर तंज कसा.


अखिलेश का दावा- गाड़ी पलटा देंगे
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि 'पता नहीं उनको मुख्यमंत्री जी ने बता दिया होगा कि इस जगह पर गाड़ी पलटा देंगे. मैंने उस समय भी कहा था कि जिस समय आप GOOGLE से और अमेरिका से मदद लोगे. आपको पता चल जाएगा किस समय गाड़ी पलटी है और किसने गाड़ी पलटायी है.'


अखिलेश, सुब्रत पाठक के उस बयान के संदर्भ में जवाब दे रहे थे जिसमें कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक ने कहा था कि विकास दुबे की तरह अतीक अहमद की गाड़ी भी पलट सकती है.


पहले देवरिया जेल में बंद था अतीक अहमद
उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद के लिए आज सबसे मुश्किल दिन साबित हुआ. यूपी पुलिस ने पहले से अतीक को यूपी वापस लाने की तैयारी पुख्ता कर ली थी और उमेश पाल हत्याकांड के लिए गठित एसटीएफ की टीम सुबह साढ़े नौ बजे जब गुजरात के अहमदाबाद पहुंची, तो किसी को भनक तक नहीं लगी. साबरमती जेल में अतीक अहमद से यूपी एसटीएफ की टीम ने उमेश पाल हत्याकांड में सवाल जवाब किया.


अतीक को जून 2019 में साबरमती जेल शिफ्ट किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने 22 अप्रैल 2019 अतीक को शिफ्ट करने का आदेश दिया था. अतीक अहमद पहले देवरिया जेल में बंद था. अतीक पर रियल एस्टेट व्यवसायी के अपहरण और हमले की साजिश रचने का आरोप लगा था.


28 मार्च को अतीक पर अदालत सुनाएगी फैसला
जून 2019 से ही अतीक साबरमती जेल में बंद था, लेकिन उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही यूपी पुलिस उसे वापस लाने की तैयारी में जुट गई और फिर उसे प्रयागराज लाया जा रहा है. जिसमें उमेश पाल की हत्या की वजह ही पुलिस की मुख्य हथियार बनी. अतीक अहमद को प्रयागराज लाए जाने की कार्रवाई के बीच उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि कोर्ट के आदेश के तहत ये कार्रवाई की जा रही है.


दरअसल, उमेश पाल अपहरण मामले में प्रयागराज की स्पेशल MP/MLA कोर्ट में 17 मार्च को ही सुनवाई पूरी हो गई. सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व रखा है और स्पेशल कोर्ट इस मामले में 28 मार्च को अपना फैसला सुनाएगी. उमेश पाल अपहरण मामले में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को सजा मिलनी लगभग तय मानी जा रही है. अगर इस मामले में अतीक अहमद और अशरफ को अगर सजा होती है तो दोनों भाइयों को किसी मामले में ये पहली सजा होगी.


2006 में उमेश पाल का कर लिया गया अपहरण
BSP विधायक राजू पाल मर्डर केस में उमेश पाल गवाह था. उमेश पाल का 2006 में अपहरण कर लिया गया. उमेश पाल से केस में गवाही न देने के लिए जबरन हलफनामा लिया गया. उमेश पाल ने साल 2007 में अपने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया. अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ के खिलाफ केस दर्ज हुआ. इसी मुकदमे की पैरवी से लौटते वक्त उमेश पाल की हत्या हुई थी.


हलांकि उमेश पाल की हत्या के बाद भी इस मुकदमे पर कोई असर नहीं हुआ, क्योंकि हत्या से पहले इस केस में उमेश पाल की गवाही हो चुकी थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इस मामले में सुनवाई के लिए डेडलाइन तक कर रखी थी. प्रयागराज की स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट को 16 मार्च तक केस की सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया गया था. 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.


एक तरफ योगी सरकार पर समाजवादी पार्टी और पूर्व सीएम अखिलेश यादव तंज कस रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ अतीक अहमद को हत्या का डर सता रहा है. देखना ये होगा कि आगामी 28 मार्च को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ का क्या होता है.


इसे भी पढ़ें- अतीक अहमद और उसके गुर्गों का क्या होगा? जानें अब क्या करेगी योगी की पुलिस


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.