नई दिल्ली: अजित डोवल की जिंदगी की ऐसी कई सारी कहानियां हैं, जिनके बारे में जानकर हर कोई दंग रह जाता है. पाकिस्तान में डोवल के नाम का खौफ किस कदर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वो 7 साल तक एक सीक्रेट एजेंट बनकर खुफिया जानकारी जुटाते रहे और पड़ोसी मुल्क को इस बात की भनक तक नहीं लगी. दुश्मन देश के लिए डोवल किसी खौफनाक मंजर से कम नहीं हैं. क्या आप जानते हैं कि एक बार पाकिस्तान के एक शख्स ने ये पता लगा लिया था कि वो मुस्लिम नहीं, बल्कि हिंदू हैं. फिर क्या हुआ, आपको बताते हैं..


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पाकिस्तान में खुल गई थी अजित डोवल की पोल
अजित डोवल करीब सात साल तक पाकिस्तान में भारत के जासूस बनकर रहे. उन्होंने खुद इस बात का खुलासा किया था कि पाकिस्तान में एक बार उनकी पोल खुल गई थी. एक शख्स को इस बात की भनक लग गई थी कि वो मुसलमान नहीं बल्कि हिंदू हैं.


अजित डोवल ने बताया था कि उन्होंने पाकिस्तान में 7 साल तक खुद को मुस्लिम के तरह रखा, लेकिन एक बार ऐसे हालात बन गए कि पाकिस्तान में उनकी पोल खुल गई कि वो मुसलमान नहीं हैं. डोवल ने इस बारे में बताया कि लाहौर में ही एक बहुत बड़ी औलिया की मजार है, जहां बहुत लोग आते हैं. एक बार डोवल वहां से गुजर रहे थे, तभी एक शख्स ने उन्हें अपने पास बुलाया. उस शख्स की सफेद लंबी दाढ़ी थी, देखने से वो एक मुसलमान लगता था.


जब अजित डोवल उसके पास गए तो उसने पूछा कि तुम हिंदू हो न? डोवल ने इसके जवाब में कहा कि नहीं, मैं मुस्लिम हूं. इस पर उस शख्स ने कहा कि तुम झूठ बोल रहे हो, तुम हिंदू हो. जब डोवल ने इससे फिर इंकार किया, तो उसने बोला कि मैं जानता हूं कि तुम हिंदू हो, क्योंकि तुम्हारे कान में छेद है. इसके जवाब में डोवल ने कहा कि मैं बाद में कन्वर्ट हुआ हूं.


डोवल को उस शख्स ने ये सलाह दी कि तुम प्लास्टिक सर्जरी करा लो, नहीं तो यहां तुम्हें परेशानी हो जाएगी. जिसके बाद उन्होंने बाद में प्लास्टिक सर्जरी करा ली. हालांकि डोवल के कान में अब भी हल्का सा छेद दिखाई देते है.


'जब तक हम नहीं जीतेंगे लड़ाई समाप्त नहीं होगी'
पाकिस्तान के लिए अजित डोवल सबसे बड़ी मुसीबत हैं. उनकी दहाड़ हमेशा ही पाकिस्तान को डराती रही है. अजित डोवल का कहना है कि 'जब तक हम नहीं जीतेंगे लड़ाई समाप्त नहीं होगी.'


अजित डोवल ने एक बार अपने बयान में कहा था कि 'पाकिस्तान ये सोचता है कि उसमें ये विल पावर है, कि वो कहेगा कि हम सेल्फ डिस्ट्रक्शन मोड में हैं. हम तो हैं ही फिदायीन.. तो हमारा पूरा देश फिदायीन हो जाएगा. हम तो न्यूक्लियर वॉर के लिए तैयार हैं. अगर इंडिया कंवेंशनल वॉर या इससे बाहर से हमें रिटैलिएट करता है. अगर हिंदुस्तान ये मन बना ले कि ये भी एक ब्लफ है. पाकिस्तान किसी भी न्यूक्लियर वॉर के बाद राष्ट्र नहीं रहेगा. भारत फिर भी रहेगा. अगर कुछ नुकसान हुआ भी तो फिर भी इतने बचेंगे कि वो फिर से दुनिया के अंदर अपनी पहचान बना सकते हैं. एक बार दिल बनाने की बात हैस नेपोलियन कहा करता था कि लड़ाई में एक ही मरता है.'


7 साल मुसलमान, 71 साल हिंदू रहे अजित डोवल
अजित डोवल मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं. वो 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. साल 1972 में अजित डोवल ने इंडेलिजेंस ब्यूरो (IB) से जुड़े. जब वो अंडर कवर एजेंट बनकर पाकिस्तान गए, तो साल साल तक मुसलमान बनकर रहे. ऐसे में ये कहा जाए कि अजित डोवल 7 साल मुसलमान रहे और 71 साल तक हिंदू रहे तो गलत नहीं होगा. अजित डोवल उर्दू समेत कई देशों की भाषाएं जानते हैं.


अजित डोवल का एक और किस्सा काफी चर्चित है. एक बार लाहौर की लोकल मार्केट में अजित डोवल दरगाह पर कव्वाली सुनने गए थे. इसी बीच पाकिस्तान की खुफिया विभाग का एक अधिकारी उनके पास आया और उनके कान में ये कहा कि उनकी दाढ़ी नकली है. हालांकि डोवल बताते हैं कि वो उसी वक्त वहां से निकल गए.


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