नई दिल्लीः असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में सब्जियों की बढ़ी कीमत के लिए 'मिया' मुस्लिम समुदाय को जिम्मेदार ठहराया है. मुख्‍यमंत्री ने कहा, “ग्रामीण क्षेत्रों में सब्जियों की दरें कम हैं. हालांकि, शहरों में आते-आते कीमतें बढ़ जाती हैं.'' उन्‍होंने दावा किया कि सभी विक्रेता दरें बढ़ा रहे हैं और उनमें से ज्यादातर “मिया” लोग हैं.


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कहा- शहर से बाहर निकाल दूंगा
सरमा ने गुरुवार शाम कहा, “वे (पूर्वी बंगाल मूल के मुसलमान) असमिया लोगों से ऊंची कीमतें ले रहे हैं. गुवाहाटी में 'मिया' लोगों ने स्थानीय सब्जी बाजारों पर नियंत्रण कर लिया है.'' उन्‍होंने कहा कि अगर कोई असमिया युवक सब्जियां बेच रहा होता, तो वह अन्य असमिया साथी नागरिकों से बढ़ी हुई कीमतें नहीं ले सकता.सरमा ने कहा, "मैं असमिया युवाओं से आगे आने का आग्रह करता हूं. मैं आपको आश्वासन देता हूं कि मैं सभी 'मिया' मुस्लिम सब्जी विक्रेताओं को शहर से बाहर निकाल दूंगा."


जानिए कौन हैं मिया मुस्लिम
उन्होंने आगे कहा कि असम में कैब से लेकर बस सेवाओं तक अधिकांश लोग अब मुस्लिम समुदाय के इसी वर्ग (मिया) के हैं.मिया मुसलमान प्रवासी बंगाली मुसलमानों के वंशज हैं जो 20वीं सदी में असम के ब्रिटिश उपनिवेशवाद के दौरान ब्रह्मपुत्र घाटी में रहते थे.ये प्रवासी वर्तमान बांग्लादेश के मैमनसिंह, रंगपुर और राजशाही डिवीजनों से आए थे.


मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने हाल ही में ईद पर देखा है, गुवाहाटी में अधिकांश सड़कें खाली थीं क्योंकि वे त्योहार मना रहे थे."मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) प्रमुख बदरुद्दीन अजमल के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि असमिया समुदाय मुस्लिम लोगों के बिना अधूरा है.


अजमल ने कहा, “मिया मुस्लिम और असमिया लोग भाइयों की तरह हैं. राज्य मुस्लिम समुदाय के बिना अस्तित्व में नहीं रह सकता.''असम में पिछले कुछ दिनों से राज्य भर में सब्जियों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे आम जनता परेशान है. कई लोग सरकार से सवाल कर रहे हैं.


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