नई दिल्ली: Who is Abdul Karim Tunda: अजमेर की टाडा अदालत ने 1993 के बम धमाकों के आरोपी अब्दुल करीम टुंडा खान बरी कर दिया है. मामले में उसके साथ आरोपी बनाए गए हमीमुद्दीन और इरफान उर्फ पप्पू को उम्र कैद की सजा मिल है. 


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2021 में तय किए गए थे आरोप
30 सितंबर, 2021 को अजमेर की टाडा कोर्ट ने अब्दुल करीम टुंडा, इरफान और हमीमुद्दीन को 1993 के सीरियल ब्लास्ट केस में आरोपी बनाया गया था. कानपुर, हैदराबाद, लखनऊ, सूरत और मुंबई में 1993 में ट्रेनों में सीरियल ब्लास्ट हुए थे. आरोपियों पर विस्फोटक अधिनियम, पीडीपी एक्ट, टाडा और रेलवे एक्ट से जुड़ी धाराओं के तहत आरोप लगाए गए.


कौन है अब्दुल करीम टुंडा
अब्दुल करीम टुंडा उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के पिलखुवा का रहने वाला है. दावा है कि 1993 बम धमाकों के दौरान लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का विस्फोटक एक्सपर्ट था. इसी कारण से उसे 'डॉ बॉम्ब' कहा जाता है. ऐसा आरोप है कि बाबरी विध्वंस का बदला लेने के लिए उसने 1993 में पांच शहरों की ट्रेन में ब्लास्ट किए थे. 


मोस्ट वॉन्टेड आतंकी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1993 के धमाकों के बाद टुंडा बांग्लादेश पहुंच गया. फिर वह पाकिस्तान पहुंचा. यहां वह आतंकियों के ट्रेनिंग कैंपों में जाता और नए भर्ती हुए आतंकियों को ट्रेनिंग देता था. 26/11 मुंबई हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान सरकार को मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की लिस्ट दी थी. इसमें अब्दुल करीम टुंडा का नाम 15वें नंबर पर था.


6 ट्रेनों में हुए थे सिलसिलेवार विस्फोट
गौरतलब है कि साल 1993 में 5 और 6 दिसंबर को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी पर 6 ट्रेनों में सिलसिलेवार विस्फोट हुए थे. इसमें कई लोगों की मौत हुई. 


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