Bibek Debroy: प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के अध्यक्ष और शीर्ष अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय का निधन हो गया है. वह 69 वर्ष के थे.


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बिबेक देबरॉय एक प्रतिष्ठित भारतीय अर्थशास्त्री, लेखक और विद्वान थे, जिन्हें आर्थिक नीति और संस्कृत ग्रंथों में उनके योगदान के लिए जाना जाता है. उन्होंने भारत की आर्थिक नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.


मैक्रोइकॉनॉमिक्स, सार्वजनिक वित्त और बुनियादी ढांचे सहित विविध क्षेत्रों में विशेषज्ञता के साथ, देबरॉय ने आर्थिक सुधार, शासन और भारतीय रेलवे जैसे विषयों पर व्यापक रूप से प्रकाशन किया है.


उन्हें महाभारत और भगवद्गीता सहित शास्त्रीय संस्कृत ग्रंथों के अनुवाद के लिए भी जाना जाता है, जिससे प्राचीन भारतीय ज्ञान आधुनिक पाठकों तक पहुंच सके.


बिबेक देबरॉय के बारे में
देबरॉय ने अपनी शिक्षा रामकृष्ण मिशन स्कूल, नरेन्द्रपुर; प्रेसीडेंसी कॉलेज, कोलकाता, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज से पूरी की.


उन्होंने 1979 से 1984 तक कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में काम किया, जिसके बाद उन्होंने 1987 तक पुणे के गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स में और फिर 1993 तक दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड में काम किया.


इसके बाद वे 1993 से 1998 तक वित्त मंत्रालय/यूएनडीपी की कानूनी सुधारों पर आधारित परियोजना के निदेशक के रूप में कार्यरत रहे. वे 1994 से 1995 तक आर्थिक मामलों के विभाग का हिस्सा रहे, तथा उसके बाद 1995 से 1996 तक राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान परिषद और 1997 से 2005 तक राजीव गांधी समकालीन अध्ययन संस्थान का हिस्सा रहे.


इसके बाद वे 2006 तक पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और फिर 2007 से 2015 तक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में शामिल हुए.


5 जून, 2019 तक देबरॉय नीति आयोग के सदस्य भी रहे उन्होंने कई किताबें, लेख और शोधपत्र लिखे और संपादित किए और कई समाचार पत्रों के सलाहकार/योगदान संपादक भी रहे.


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