नई दिल्ली.  जम्मू-कश्मीर सरकार ने शनिवार को जेकेएलएफ आतंकवादी बिट्टा कराटे की पत्नी और हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ कमांडर सैयद सलाहुद्दीन के बेटे समेत चार अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा यह बड़ी कार्रवाई भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत की गई है. 


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इन लोगों को किया गया बर्खास्त


बर्खास्त किए गए लोगों में डॉ. मुहीत अहमद भट (कश्मीर विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान के स्नातकोत्तर विभाग में वैज्ञानिक-डी), माजिद हुसैन कादरी (वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर, प्रबंधन अध्ययन विभाग, कश्मीर विश्वविद्यालय), सैयद अब्दुल मुईद (प्रबंधक आईटी, जेकेईडीआई) और असबाह-उल-अर्जमंद खान (ग्रामीण विकास निदेशालय, कश्मीर में प्रचार अधिकारी) के नाम शामिल हैं. 


कश्मीरी पंडितों की हत्या में नाम शामिल


बता दें कि, अरजमंद खान जेकेएलएफ आतंकवादी बिट्टा कराटे की पत्नी है, जो कश्मीरी पंडितों की हत्या के मुकदमे का सामना कर रही हैं. जबकि, सैयद अब्दुल मुईद हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन का बेटा है. 


कौन है बिट्टा कराटे


बिट्टा कराटे वो आतंकवादी है जिसने खुद कबूल किया था कि वह कश्मीरी पंडितों की हत्या में शामिल है. 1990 के दशक में घाटी में कश्मीरी पंडितों की सामूहिक हत्याओं के लिए जिम्मेदार आतंकवादी बिट्टा कराटे ने 2011 में कश्मीर प्रशासनिक सेवा (केएएस) की अधिकारी असबाह अर्जुमंद खान से शादी कर ली थी. 


बिट्टा कराटे का असली नाम फारूक अहमद डार है. उसका नाम बिट्टा कराटे इसलिए पड़ा क्योंकि वह मार्शल आर्ट में ट्रेंड था. वह आतंकी एवं अलगाववादी नेता यासीन मलिक के प्रतिबंधित संगठन जेकेएलएफ का सदस्य रहा है. बिट्टा कश्मीरी पंडित सतीश टिक्कू समेत अन्य लोगों की हत्या का आरोपी है. वर्ष 1990 में सतीश टिक्कू की हत्या कर दी गई थी. 


क्या है अनुच्छेद 311


भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 के दो भाग हैं. अनुच्छेद 311 (1) कहता है कि अखिल भारतीय सेवा या राज्य सरकार के किसी भी सरकारी कर्मचारी को अपने अधीनस्थ प्राधिकारी द्वारा बर्खास्त या हटाया नहीं जाएगा, जिसने उसे नियुक्त किया था. 


अनुच्छेद 311 (2) के अनुसार, किसी भी सिविल सेवक को ऐसी जाँच के बाद ही पदच्युत किया जाएगा या पद से हटाया जाएगा अथवा रैंक में अवनत किया जाएगा जिसमें उसे अपने विरुद्ध आरोपों की सूचना दी गई है तथा उन आरोपों के संबंध में सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर प्रदान किया गया है. 


बता दें कि साल 2021 में जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने अनुच्छेद 311 (2) (c) के तहत कार्रवाई की आवश्यकता वाली गतिविधियों के संदिग्ध कर्मचारियों के मामलों की जाँच के लिये एक विशेष कार्यबल (STF) का गठन किया था. 



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