मुख्तार अंसारी कौन है: यूपी से गुरुवार रात बड़ी खबर सामने आई कि मुख्तार अंसारी की मौत हो गई. ऐसे में आज ये जानना जरूरी है कि आखिर मुख्तार अंसारी कैसे माफिया बना. मुख्तार अंसारी का जन्म गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में 3 जून 1963 को हुआ था. मुख्तार अंसारी का परिवार शुरू से ही राजनीतिक रसूख वाला था. लेकिन मुख्तार का रसूख कमाने का अंदाज अलग था.


राजनीति में रखा कदम


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1996 में बीएसपी के टिकट पर जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचने वाले मुख़्तार अंसारी ने 2002, 2007, 2012 और फिर 2017 में भी मऊ से जीत हासिल की. इनमें से आखिरी 3 चुनाव उसने देश की अलग-अलग जेलों में बंद रहते हुए लड़े और जीते थे. लेकिन 2002 में कुछ ऐसा हुआ था जिसने मुख्तार का जीवन हमेशा के लिए बदल दिया था. इसी साल बीजेपी के विधायक कृष्णानंद राय ने अंसारी परिवार के पास साल 1985 से रही गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट छीन ली. 


फिर हुई सबसे चर्चित हत्या


कृष्णानंद राय विधायक के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके और तीन साल बाद यानी साल 2005 में उनकी हत्या कर दी गई. हमलावरों ने AK-47 से तकरीबन 500 गोलियां चलाईं और कृष्णानंद राय समेत गाड़ी में मौजूद सभी सातों लोग मारे गए. इस केस में नाम आया मुख्तार अंसारी का.


साल 2008 में उसे उड़ीसा से गिरफ्तार किया गया था. 2012 में महाराष्ट्र सरकार ने मुख्तार पर मकोका लगा दिया था. मुख्तार के खि‍लाफ हत्या, अपहरण, फिरौती जैसे कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. मुख्तार अंसारी पर कुल 60 से ज्यादा मामले दर्ज है, जिसमें अधिकतर मामले गाजीपुर के हैं.


राजनीति की दुनिया में भी रहा दबदबा अपराध के अलावा राजनीति की दुनिया में मुख्तार ने अपना दबदबा बनाकर रखा. उस पर कई मुकदमे दर्ज हुए, लेकिन इसके बावजूद वो चुनाव जीतता रहा. मुख्तार अंसारी पांच बार विधायक रह चुका है. वहीं 15 साल से ज्यादा का वक्त जेल में काट चुका है. 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 भी विधानसभा चुनाव जीता. तीन विधानसभा में मुख्तार ने जेल में रहकर ही जीत हासिल की.


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