कैलाश गहलोत की जगह रघुविंदर शौकीन ही क्यों बनेंगे मंत्री, क्या है AAP की रणनीति?
कैलाश गहलोत के आम आदमी पार्टी से इस्तीफे के बाद रघुविंदर शौकीन दिल्ली सरकार में मंत्री बनेंगे. नांगलोई जाट से विधायक रघुविंदर शौकीन अब आतिश सरकार में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभालेंगे. वहीं आम आदमी पार्टी छोड़ने वाले नजफगढ़ से विधायक कैलाश गहलोत ने सोमवार को बीजेपी ज्वाइन कर ली.
नई दिल्लीः कैलाश गहलोत के आम आदमी पार्टी से इस्तीफे के बाद रघुविंदर शौकीन दिल्ली सरकार में मंत्री बनेंगे. नांगलोई जाट से विधायक रघुविंदर शौकीन अब आतिश सरकार में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभालेंगे. वहीं आम आदमी पार्टी छोड़ने वाले नजफगढ़ से विधायक कैलाश गहलोत ने सोमवार को बीजेपी ज्वाइन कर ली.
कौन हैं रघुविंदर शौकीन
रघुविंदर शौकीन दो बार के विधायक हैं. उन्होंने 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के मनोज कुमार को हराकर दिल्ली विधानसभा में एंट्री की थी. वहीं 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी की सुमनलता शौकीन को हराया था. पेशे से सिविल इंजीनियर रह चुके रघुविंदर शौकीन शिक्षा के क्षेत्र में काम कर चुके हैं.
कैलाश गहलोत के पार्टी और सरकार छोड़ने से खाली हुई कैबिनेट की जगह भरने के लिए आप ने रघुविंदर शौकीन को ही क्यों चुना? इसकी वजह यह मानी जा रही है कि कैलाश गहलोत की तरह रघुविंदर शौकीन भी जाट नेता हैं. ऐसे में अटकलें हैं कि पार्टी ने आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में जातीय समीकरण साधने के लिए रघुविंदर शौकीन को मंत्री पद की जिम्मेदारी दी.
बीजेपी में शामिल हुए कैलाश गहलोत
दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने के एक दिन बाद कैलाश गहलोत भाजपा में शामिल हो गए. उन्होंने बीजेपी में शामिल होने पर कहा कि गलत धारणा फैलाने की कोशिश की जा रही है कि मेरा फैसला ईडी, सीबीआई के दबाव का नतीजा है, सच्चाई यह है कि आम आदमी पार्टी ने अपने मूल्यों से समझौता किया.
उन्होंने कहा कि अगर सरकार, उसके मुख्यमंत्री और मंत्री केंद्र सरकार से लगातार लड़ते रहेंगे तो दिल्ली का विकास नहीं हो सकता.
आप ने ईडी के मामलों का दिया हवाला
वहीं इसके जवाब में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा कि गहलोत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के मामलों का सामना कर रहे हैं और उनके पास बीजेपी में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.
बता दें कि इससे पहले अप्रैल में राज कुमार आनंद ने आप सरकार में समाज कल्याण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और पार्टी छोड़ दी थी. जुलाई में वह भाजपा में शामिल हो गए थे. आप सरकार में पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने आप छोड़ दी और सितंबर में कांग्रेस में शामिल हो गए.
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