नई दिल्ली: Census 2025 Explainer:  देश में जनगणना को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. सूत्रों का दावा है कि भारत में अगले साल यानी 2025 में जनगणना शुरू होगी. ये एक साल तक चलेगी, जो 2026 में खत्म हो सकती है. इसके बाद अगली जनगणना साल 2035 में हो सकती है. इस बार होने वाली जनगणन में कुछ एक्स्ट्रा सवाल भी जोड़े जा सकते हैं. ये पहली हुई जनगणना से अलग होगी. आइए, जानते हैं कि 2025 में होने वाली जनगणना पहले से कैसे अलग है, जनगणना क्या होती है और इससे क्या फायदा होता है.


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2021 में होनी थी जनगणना, फिर क्यों नहीं हुई?
पहले तो ये जान लें कि जनगणना हर 10 साल में होती है. पिछली बार देश में 2011 में जनगणना हुई थी. इसके बाद 2021 में जनगणना होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था. इसलिए अबकी बार 14 साल के लंबे अंतराल के बाद जनगणना हो रही है. जनगणना दशक के शुरुआत में होती है, लेकिन अब 2025 में हो रही है तो अगली बार भी दशक के शुरुआत में न होकर मध्य में होगी.


जनगणना होने से क्या फायदा होता है?
जनगणना के आधार पर मिले आंकड़ों के आधार पर ही सरकार नीतियां बनाती है, विशेष वर्गों का ध्यान रखती है. संसद, विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के प्रतिनिधित्व के लिए भी जनगणना के आंकड़ों की जरूरत होती है. ऐसी चर्चा है कि 2025 में होने वाली जनगणना के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन होगा. परिसीमन की प्रक्रिया 2028 तक पूरी होगी. परिसीमन से ये पता लग जाएगा कि किस संसदीय क्षेत्र में लोगों की संख्या तय सीमा से अधिक हो गई, इसके बाद उनके लिए नई लोकसभा सीट बनाई जा सकेगी. जनगणना में ये भी पता चलता है कि साक्षरता दर कितनी है, लैंगिक समानता कितनी है, ग्रामीण रहवासी कितने, शहरी रहवासी कितने हैं, किस वर्ग के लोगों को अधिक फायदे या योजनाओं की जरूरत है इत्यादि.


जनगणना के दौरान पूछे जाते हैं ये सवाल
जनगणना में आपसे दो फॉर्म भराए जा सकते हैं इसमें भवन निर्माण सामग्री से लेकर उपलब्धता और शौचालय, बिजली से जुड़े सवाल किए जाते हैं. आमतौर पर जनगणना में पूछे जाने वाले सवाल ये हैं-
व्यक्ति का नाम
लिंग
पिता का नाम
माता का नाम
जन्म तारीख
जन्म स्थान
वैवाहिक स्थिति
जीवनसाथी का नाम
परिवार के मुखिया कौन
वर्तमान पता
वर्तमान पते पर रहने की अवधि
स्थाई पता
व्यवसाय
राष्ट्रीयता
शैक्षिक योग्यता


इस जनगणना में जुड़ सकता है ये नया सवाल
इस बार होने वाली जनगणना में लोगों से पूछा जा सकता है कि वे किस संप्रदाय से जुड़े हैं या अनुयायी हैं. उदाहरण के तौर पर अनुसूचित जाति में रविदासी और वाल्मीकि जैसे संप्रदाय हैं, जनगणना में इसकी जानकारी भी जुटाई जा सकती है.


कैसे होगी जनगणना?
बता दें कि जनगणना कर्मचारियों के द्वारा की जाती है. ये घर-घर जाकर आपकी जानकारी जुटाते हैं, इस जानकारी को गोपनीय रखा जाता है. इसे हर किसी के साथ साझा नहीं किया जाता. जनगणना को एक से दो साल तक के अंतराल में पूरा कर लिया जाता है. इस बार देश में डिजिटल जनगणना हो सकती है. जनगणना करने वाले कर्मचारियों को पहले ट्रेनिंग भी दी जा सकती है.


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