गुपकार गैंग ने क्यों किया धारा 370 हटने का विरोध? घोटाले खोल रहे हैं साज़िश की सच्चाई
गुपकार गैंग के चेयरमैन फारूक अब्दुल्ला और उनके परिवार की लैंड जिहाद वाली साज़िश का खुलासा हो गया है. अब जाकर समझ आया कि आखिर इन्हें अनुच्छेद 370 के खात्मे से परेशानी क्यों है?
नई दिल्ली: फारूक अब्दुल्ला. जिसने सिर्फ और सिर्फ कश्मीर को लूटने की साज़िशें की और पिछले कई सालों से अब्दुल्ला और उसके परिवार ने लोगों के हक पर डाका डाला, हिन्दुस्तान के खिलाफ साज़िशें रची, जम्मू कश्मीर की डेमोग्राफी बिगाड़ने के लिए कई तरह की तिकड़मों को इजाद किया और लागू भी किया. इन्ही में शामिल होता है रोशनी एक्ट जिसका डब्बा खुला तो घोटाले बाज़ों में फारूक अब्दुल्ला उसके परिवार और उसकी पार्टी की कलई ज़माने के सामने आ गई.
जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटी तो फारूक की पार्टी एनसी, पीडीपी और दूसरी विपक्षी पार्टियों ने गुपकार एकॉर्ड पास किया और केंद्र से मांग की कि धारा 370 को फिर से जम्मू कश्मीर पर लगाया जाए. दरअसल, फारूक अब्दुल्ला की अगुवाई में गुपगार गैंग अपनी कलई को छिपाने की कोशिश में था. जैसे ही धारा 370 हटा और जम्मू कश्मीर सरकार ने जांच की तो एक के बाद एक घोटाले सामने आने लगे.
पहला घोटाला: 2011-12 में बीसीसीआई की फंडिंग में 43 करोड़ का घोटाला
दूसरा घोटाला: 2001 में आए रोशनी एक्ट में 25000 करोड़ का ज़मीन घोटाला
बीसीसीआई घोटाले में सीबीआई ने चार्जशील फाइल कर दी है. ईडी अभी इस मामले में मनी ट्रेल की जांच कर रही है. वहीं रोशनी एक्ट के तहत कौड़ियों के दाम ज़मीन खरीदने की साज़िश में फारूक का नाम आया और जम्मू-कश्मीर सरकार ने जो दस्तावेज़ जारी किए हैं उसके मुताबिक
जम्मू के सजवान गांव में 1998 में खरीदी 3 कैनाल ज़मीन
3 कैनाल ज़मीन की जगह 7 कैनाल ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा किया. 10 करोड़ की ज़मीन पर फारूक ने अवैध कब्ज़ा किया. फारूक की बहन सुरैया मट्टो ने रोशनी एक्ट के तहत 3 कैनाल 12 मरला ज़मीन ली. फारूक की बहन को रेगुलराइजेशन के लिए 1 करोड़ रुपए जमा करने थे, नहीं किए.
जम्मू में फारूक की पार्टी का शेर-ए-कश्मीर भवन भी अवैध कब्ज़े वाली 3 कैनाल 16 मारला ज़मीन पर बनी. श्रीनगर में पार्टी के नवाई सुबह ट्रस्ट का दफ़्तर भी रोशनी एक्ट के 3 कैनाल 16 मारला ज़मीन पर बना. इसके अलावा अब्दुल्ला ने अपनी पार्टी के नेताओं को भी खुली छूट दी जिन्होंने जमकर स्वर्ग की ज़मीन का दोहन किया, इसमें नेता, जज और बिज़नेसमैन शामिल थे, वो नाम भी जान लिजिए.
नेशनल कांफ्रेंस के नेता सय्यद अली अखून
पूर्व जज अली मोहम्मद के बेटे अशफाक़ अहमद मीर
एनसी नेता और पूर्व एडवोकेट जनरल असलम गोनी
जम्मू-कश्मीर बैंक के पूर्व चेयरमैन एमवाई खान
जम्मू-कश्मीर के कारोबारी मुश्ताक छाया
नाम आया तो फारूक अब्दुल्ला ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया और दलील ये दी कि इलाके में सिर्फ मेरा ही घर नहीं है बल्कि सैकड़ों घर हैं और मुझे परेशान करने की कोशिश की जा रही है. ये वही फारूक अब्दुल्ला हैं जो देश से गद्दारी वाले बयानात भी देते रहे हैं.
रोशनी एक्ट में भ्रष्टाचार करने वाले सिर्फ ये कहकर नहीं बच सकते कि उन पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं. सीबीआई सच सामने लाने की तैयारी में है और गुपकार गठबंधन के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की असलियत अब कश्मीर की अवाम के सामने है जिसका मुस्तकबिल अब यही गैंग करता रहा है और अपनी जेबें भरता रहा है.
दो साल पहले ही रोशनी एक्ट को खत्म कर दिया गया और जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने रोशनी एक्ट की आड़ में हुए घोटाले की जांच के आदेश दिए जिसके बाद सीबीआई ने केस दर्ज कर जांच करनी शुरू की है और अभी और नाम आने बाकी हैं.
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