नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने विपक्षी गठबंधन को उस याचिका पर जवाब देने का वक्त दिया जिसमें 'इंडिया' नाम रोकने का अनुरोध किया गया था. हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र को भी जनहित याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया. दरअसल इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि विपक्षी दल ‘इंडिया’ संक्षिप्त नाम का इस्तेमाल कर ‘हमारे देश के नाम का अनुचित लाभ’ उठा रहे हैं.


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केंद्र और विपक्षी गठबंधन ने कोर्ट में क्या कहा?
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक समेत नौ राजनीतिक दलों की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि याचिका के खिलाफ ‘प्रारंभिक आपत्तियां’ हैं और सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे को पहले ही देख चुका है. पिछली सुनवाई में उन्होंने कहा था कि याचिका विचारणीय नहीं है. मामले में केंद्र सरकार की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा-हमें अपना जवाब देने के एक सप्ताह से दस दिन का समय और चाहिए. 


चार जनवरी है अगली सुनवाई की तारीख
कोर्ट ने सुनवाई के लिए चार जनवरी की तारीख तय की. याचिका दायर करने वाले गिरीश भारद्वाज ने दिल्ली हाईकोर्ट में संपर्क किया था और 26 राजनीतिक दलों द्वारा संक्षिप्त नाम ‘इंडिया’ के इस्तेमाल और इसके साथ राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग पर भी रोक लगाते हुए अंतरिम आदेश जारी करने का अनुरोध किया था.


क्या कहती है याचिका
याचिका में कहा गया है-मारे देश के नाम का इस्तेमाल करके मिस्टर (राहुल) गांधी ने बहुत चतुराई से उनके गठबंधन के नाम को हमारे देश के नाम की तरह प्रस्तुत किया और यह दर्शाने का प्रयास किया कि राजग/भाजपा और माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हमारे ही देश से विरोध है जो ‘इंडिया’ है और गांधी के इस प्रयास ने आम जनता के मन में संशय पैदा कर दिया है कि 2024 के आगामी लोकसभा चुनाव राजनीतिक दलों या गठबंधन ‘इंडिया’ और हमारे देश के बीच होंगे.


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