चेन्नई. विपक्षी गठबंधन इंडिया में इस वक्त सभी राज्यों में सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत जारी है. इसी क्रम में खबर आई है कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके कांग्रेस को सात लोकसभा सीटें देने पर सहमत हो गई है. हालांकि कांग्रेस ने इस राज्य में 16 सीटों की मांग रखी थी. इससे पहले 2019 में भी डीएमके और कांग्रेस यूपीए के बैनर तले चुनाव लड़ चुके हैं. तब कांग्रेस ने राज्य की 9 सीटों में से 8 में जीत दर्ज की थी. 


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सात सीटों से अधिक देने के पक्ष में नहीं डीएमके
एक समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची बहुत बड़ी थी और टी.आर. बालू के नेतृत्व वाली डीएमके टीम ने कांग्रेस नेतृत्व को बताया कि वह सात से अधिक सीटें देने पर विचार नहीं कर सकती है. खबर यह भी है कि डीएमके जिला सचिवों ने पार्टी नेतृत्व को बताया था कि कांग्रेस को कम सीटों तक सीमित रखा जाना चाहिए क्योंकि जमीन पर उसकी ताकत सीमित है.


'सोनिया-राहुल के हस्तक्षेप की उम्मीद'
एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि कांग्रेस की राज्य लीडरशिप को उम्मीद है कि सीट शेयरिंग के मामले में सोनिया और राहुल गांधी हस्तक्षेप करेंगे. माना जा रहा है कि कांग्रेस कुछ और सीटों के डीएमके से बातचीत कर सकती है. डीएमके के एक नेता मुताबिक राज्य के लगभग सभी निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस की ताकत बहुत कम है और उन्हें मिली सात सीटें भी अधिक है.


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