नई दिल्ली: यूपी में भारतीय जनता पार्टी ने अपने दम पर 273 सीटें हासिल कर दमदार रूप से सत्ता में फिर से वापसी की है. इसलिए अब विरोधी भी भाजपा के साथ जुड़ना चाह रहे हैं. यूपी की नई सरकार के शपथ ग्रहण से पहले खबर आ रही है कि ओमप्रकाश राजभर अब वापस भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिलाने की तैयारी में हैं. कहा जा रहा है कि राजभर ने शुक्रवार को गृह मंत्री और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से नई दिल्ली में मुलाकात की. बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान उत्तर प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे. 

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चुनाव में भाजपा पर साधा खूब निशाना


ओमप्रकाश राजभर भारतीय जनता पार्टी से 2019 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आपसी विवाद के चलते अलग हो गए थे और लगातार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगा रहे थे. भारतीय जनता पार्टी को सबक सिखाने की बात कर रहे थे. वहीं ओमप्रकाश राजभर को चुनाव से पहले बीजेपी ने काफी समझाने और मनाने  की कोशिश की थी, कई नेताओं को उनके पीछे लगाया था कि उन्हें समझा कर वापस लाया जा सके और बीजेपी उन्हें सरकार बनने पर अहम जिम्मेदारी देने को भी राजी हो गई थी लेकिन ओमप्रकाश राजभर नहीं लौटे.


बीजेपी ओमप्रकाश राजभर को दोबारा गठबंधन का हिस्सा बना सकती है. इसके कई कारण हैं. 
-पूर्वांचल के कई जिलों में राजभर समुदाय का वोट राजनीतिक समीकरण बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखता है.
-यूपी में राजभर समुदाय की आबादी करीब 3 फीसदी है, लेकिन पूर्वांचल के जिलों में राजभर मतदाताओं की संख्या 12 से 22 फीसदी है.
- राजभर समुदाय घाघरा नदी के दोनों ओर की सियासत को प्रभावित करता है.
-गाजीपुर, चंदौली, मऊ, बलिया, देवरिया, आजमगढ़, लालगंज, अंबेडकरनगर, मछलीशहर, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर और भदोही में इनकी अच्छी खासी आबादी है, जो सूबे की करीब चार दर्जन विधानसभा सीटों पर असर रखते हैं.
-बीजेपी की पूरी नज़र 2024 के चुनाव पर है और वह इस समाज को भी अपने साथ लेकर चलना चाहती है

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2024 की तैयारी


25 तारीख को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीजेपी के यूपी के दूसरे कार्यकाल के दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं और बीजेपी उत्तर प्रदेश में अपने दूसरे कार्यकाल से 2024 के लोकसभा चुनाव को भी साधने की पूरी कोशिश कर रही है. मंत्रिमंडल विस्तार पर लगातार कई दौर की बैठक दिल्ली में बड़े नेताओं के साथ हो चुकी है और हो रही है . बीजेपी कहीं से भी नहीं चाहती है कि क्षेत्रवार और जातिवार समीकरण में कहीं भी कोई भी गड़बड़ी हो जिससे 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को नुकसान उठाना पड़े.

वहीं इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा है, हमारी कोई मुलाकात नहीं हुई है. आप लोग पहले भी कयास लगाते रहे हैं. बातचीत होती रही है मुलाकात होती रही है लेकिन दिल्ली नहीं गये थे. हम सपा के साथ है और इनके साथ ही रहेंगे. भाजपा के साथ जाने वाली खबर निराधार है. ना गुजियां खाए हैं ना खिलाएंगे.

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