नई दिल्लीः कोरोना ने जहां हर किसी को घर में बंद कर रखा है, वहीं रेल के पहिए भी थाम रखे हैं. जैसे-जैसे लॉकडाउन खत्म होने की तारीख नजदीक आ रही है, रेलों के शुरू होने न होने की संभावनाएं और आशंकाएं भी चल रही हैं. इसी बीच खबर आई थी कि भारतीय रेलवे 15 अप्रैल के बाद रेल परिवहन शुरू करने की योजना बना रहा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इसके बाद तमाम खबरें चलने लगी कि रेलवे ने कोरोना प्रोटोकॉल बनाया है. अब इस पूरे मामले पर खुद रेल मंत्रालय ने अपना पक्ष रखते हुए बड़ा बयान दिया है. 


कोई प्रोटोकाल नहीं-मंत्रालय
भारतीय रेलवे ने 15 अप्रैल से रेल चलाने को लेकर बड़ा बयान दिया है. रेलवे का कहना है कि मीडिया में ऐसी खबरें चल रही हैं कि 15 अप्रैल से पैसेंजर ट्रेनों का चलना फिर शुरू हो जाएगा, लेकिन ऐसा बिल्‍कुल नहीं है. रेलवे ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया,



जिसमें दावा किया गया था कि 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद ट्रेन सेवा शुरू करने को लेकर फैसला कर लिया गया है. रेलवे ने एक बयान में कहा कि रेल मंत्रालय ने इस तरह का कोई भी प्रोटोकोल जारी नहीं किया है, जैसा की रिपोर्ट्स में फर्जी तरीके से बताया गया है. 


भारत ने चीन को दिखाई उसकी औकात, कश्मीर पर टिप्पणी का दिया करारा जवाब


फेक न्यूज से बचने का आग्रह
नेशनल ट्रांस्पोर्टर ने कहा कि इस स्टेज में यात्री सेवा शुरू करने के बारे मे कयास लगाना जल्दबाजी होगी. बयान के अनुसार, "रेलवे सभी हितधारकों और संभावित यात्रियों के हित में फैसला लेगा. सभी से आग्रह है कि मीडिया के कुछ धड़ों द्वारा फैलाए गए अफवाह पर ध्यान न दें.



दरअसल, कुछ न्यूज रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारतीय रेलवे 14 अप्रैल से कुछ उपायों जैसे थर्मल स्क्रीनिंग के साथ यात्री सेवा शुरू करेगा, जिसका रेलवे ने खंडन किया है.


पार्सल ट्रेनों के लिए तय की समय सारिणी
इस बीच, भारतीय रेल ने पहली बार पार्सल ट्रेनों के लिए इतनी बड़ी संख्या में समय-सारणी तय की है. रेल मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, स्थानीय उद्योग, ई-कॉमर्स कंपनियां, इच्छुक समूह, व्यक्ति और कोई अन्य संभावित लोडर पार्सल बुक करा सकते हैं. लॉकडाउन शुरू होने के बाद से विशेष पार्सल स्पेशल ट्रेनों के लिए 58 मार्गों (109 ट्रेनों) को अधिसूचित किया गया है.


कृषि उत्पाद होंगे पार्सल
पार्सल ट्रेन के जरिए खराब होने वाले कृषि और संबंधित क्षेत्र के उत्पाद मसलन अंडे, फल, सब्जियां, मछली, दूध व डेयरी उत्पाद के साथ-साथ दवाएं, चिकित्सा उपकरण, मास्क, खेती के लिए बीज का परिवहन सुगम होगा. इसके अलावा, ई-कॉमर्स कन्साइनमेंट, पैक किए हुए खाद्य पदार्थ, पुस्तकें, स्टेशनरी, पैकिंग सामग्री आदि का भी परिवहन पार्सल ट्रेन के जरिए आसान हो जाएगा.


कोरोना पर गरीबों के संकटमोचक बने सीएम योगी, कर चुके हैं कई योजनाओं की शुरुआत