एक ऐसी बुलेट जिसके बारे में अजीब और हैरान करने वाले दावे किए जाते हैं. कहा जाता है, ये बुलेट रात के अंधेरे में खुद से स्टार्ट हो जाती है. स्थानीय मान्यता है, इस बुलेट में साक्षात् भगवान का वास है. बुलेट को पूजने वालों की माने तो ये रहस्मयी बुलेट अपने भक्तों की हर मुराद को पूरा भी करती है. इस चमत्कारी बुलेट की अनदेखी कोई भी नहीं कर सकता. बुलेट की शक्ति को नज़रअंदाज़ करने का मतलब है किसी अनहोनी को न्योता देना.


एक रहस्मयी बुलेट, कई अनसुलझे सवाल


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ताज्जुब में डालने वाली ये सभी बातें जुड़ी हैं एक ऐसी बुलेट के साथ जिसकी कहानी गहरे राज़ और रहस्य की चादर में सालों से लिपटी है. एक ऐसी बुलेट जो थाने में जंजीरों से जकड़े होने के बावजूद अपने आप ही शुरु हो जाती है. ये कहानी है राजस्थान के पाली में मौजूद ओम बन्ना धाम की. जहां लोगों ने सिर्फ़ बुलेट का मंदिर नहीं बना रखा है, बल्कि यहां बाकायदा बुलेट को भगवान मानकर पूजा भी जाता है. मतलब, इस बुलेट को फूलों की माला पहनाने से लेकर टीका लगाने तक, भक्त अपनी-अपनी आस्था के हिसाब से श्रद्धा के साथ प्रार्थना करते हैं. जितना अविश्वसनीय है बुलेट का मंदिर होना, उतनी ही रहस्मयी है इसके मंदिर में मौजूद होने की कहानी.



इसे लेकर एक किस्सा सुनाया जाता है जिसे सुनने के बाद लोगों ने इस बुलेट को पूजना शुरु किया. दरअसल, बताया जाता है कि थाने में बंद खड़ी ये बुलेट रात के अंधेरे में अपने आप चलकर जंगल की तरफ़ पहुंच गई. इसके बाद पुलिस वालों ने इसे वहां से वापस ला कर थाने में जंजीरों से बांधकर रखा. अगले ही दिन दोबारा बुलेट उसी जगह पर मिली जहां से इसे लाया गया था. आश्चर्यजनक ढंग से ऐसा कई बार हुआ. बुलेट के खुद स्टार्ट हो कर जंगल पहुंचने की कहानी तेज़ी से गांव में फैलती गई. इसी के साथ ये सवाल भी उठने लगा कि आख़िर ये बुलेट रात के अंधेरे में बार-बार एक जगह क्यों पहुंच जाती है ? इसी सवाल के साथ पूछा ये भी जाने लगा कि बुलेट के अपने-आप स्टार्ट होने का राज़ क्या है ?


बुलेट बाबा की पूजा का चौंकाने वाला सच


बुलेट बाबा से जुड़े तमाम सवालों के जवाब तलाशते हुए हमें उस शख़्स के बारे में पता चला जिसकी ये बुलेट हुआ करती थी. कहते हैं, एक रोज़ रात के वक़्त ओम सिंह बन्ना इसी बुलेट से अपने ससुराल जा रहे थे. तब ही अचानक एक पेड़ से टकराकर उनकी मौक़े पर ही मौत हो गई. हादसे वाली जगह पर पहुंच कर पुलिस ने बुलेट को अपने कब्ज़े में ले लिया. लेकिन हैरानी होती है ये जानकर कि उसी दिन रात को बुलेट अपने आप स्टार्ट हो कर उसी पेड़ के पास पहुंच गई जहां ओम बन्ना की मौत हो गई थी.


शुरु-शुरु में पुलिस को लगा कि ये ज़रुर किसी की शरारत होगी. लिहाज़ा, बुलेट से पेट्रोल और बैटलरी निकाल दी गई और थाने के अंदर ही इसे जंजीरों से बांध दिया गया. इसके बावजूद अगले ही दिन दोबारा रात होते ही हादसे वाले पेड़ के पास पहुंच कर इस रहस्मयी बुलेट ने हर किसी के होश उड़ा दिए. बताया जाता है धीरे-धीरे पुलिस वालों ने भी इसे थाने में बांधकर रखने की ज़िद छोड़ दी और फिर हादसे वाले पेड़ के पास बुलेट बाबा का मंदिर बन गया.



यक़ीन नहीं होता, एक बुलेट जिसके आसपास कोई नहीं, जिसे कोई चाहकर भी चला नहीं सकता क्योंकि उसे चलाने में इस्तेमाल होने वाले पेट्रोल तक नहीं है. यही बुलेट अपने आप से स्टार्ट हो कर एकाध बार नहीं, कई दफ़ा ऐसी जगह पहुंच गई जहां हादसे में उसके मालिक की मौत हो गई थी. पहले तो किसी को बुलेट की इस रहस्मयी कहानी पर भरोसा नहीं हुआ. हालांकि, कई लोगों का दावा है कि उन्होंने इस बुलेट को अपनी आंखों से चलते देखा है. देखते ही देखते बुलेट बाबा में लोगों की आस्था बढ़ती गई और दुनियाभर के लोग यहां दर्शन करने के लिए आने लगे.


बुलेट बाबा पर स्थानीय मान्यता


लोगों का मानना है कि ओम बन्ना आज भी रात को गहरा अंधेरा होने पर बुलेट चलाते हैं. इतना ही नहीं, ओम बन्ना उन लोगों की मदद करते हैं जो रास्ता भटक जाते हैं या फिर कहीं जाने के लिए गाड़ियों का इंतज़ार कर रहे होते हैं. मान्यता तो यहां तक है कि मंदिर के सामने से गुज़रने पर बुलेट बाबा के दर्शन करना ज़रुरी है. अगर वक़्त की कमी के चलते ऐसा नहीं किया जाता तो हॉर्न बजा कर सलामी देते जाइए. वरना थोड़ा आगे निकलते ही सड़क हादसा भी हो सकता है. 


देश और दुनिया की हर एक खबर अलग नजरिए के साथ और लाइव टीवी होगा आपकी मुट्ठी में. डाउनलोड करिए ज़ी हिंदुस्तान ऐप, जो आपको हर हलचल से खबरदार रखेगा... नीचे के लिंक्स पर क्लिक करके डाउनलोड करें-


Android Link - https://play.google.com/store/apps/details?id=com.zeenews.hindustan&hl=en_IN


iOS (Apple) Link - https://apps.apple.com/mm/app/zee-hindustan/id1527717234