पटना. बिहार जाना जाता है गुजरात की तरह शराब विरोधी राज्य के रूप में. लेकिन कहा जाता है कि जिस चीज़ का निषेध किया जाता है वही काम ज्यादा होता है. गुजरात का तो नहीं पता लेकिन अब बिहार का पता चल गया है कि शराब सरकार ने निषिद्ध  की है, शराबियों ने नहीं.



चंदौली पुलिस ने की है गिरफ्तारी 


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चंदौली पुलिस की पीठ थपथपानी होगी कि उसने शराब तस्करी रोकने की दिशा में ये कामयाबी पाई है साथ ही प्रदेश सरकार के नियम क़ानून को बनाये रखने में अपनी भूमिका सफलता पूर्वक निभाई है. और हाँ, ईमानदारी के लिए भी चंदौली पुलिस की तारीफ़ होनी चाहिए. अगर इन्होने रिश्वत लेकर इन तस्करों को जाने दिया होता तो आज ये खबर आप ज़ी हिन्दुस्तान में न पढ़ रहे होते.


होता था एम्बुलेंस का इस्तेमाल 


एम्बुलेंस प्राण बचाने के काम आती है, लेकिन यहां वो शराब बचाने के काम आ रही थी. पकड़ा गया गैंग एम्बुलेंस में वाराणसी से शराब लेकर आता था. चूंकि एम्बुलेंस में चेकिंग नहीं अथवा बहुत कम होती है इसलिए इनके लिए सफलता का प्रतिशत लगभग सौ प्रतिशत ही रहता था. 



कल रात हुई गिरफ्तारी 


शराब प्रतिबंध से बचने के लिए और बिहार के शराबियों की तलब की पूर्ती करने के लिए नए नए तरीके से शराब की तस्करी बिहार में चल रही है. कल रात हुई ये गिरफ्तारी इसी सिलसिले की एक कड़ी समझ आती है. चंदौली पुलिस ने एम्बुलेंस शराब वाली इस तस्कर गैंग को कल मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के जलीलपुर चौकी क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. 


कई तरीके इस्तेमाल हो रहे हैं शराब तस्करी के लिए 


बिहार की शराब बंदी ने लोगों की शराब छुड़ाई या नहीं, उनके शराब पीने में कोई कम आई या नहीं - कहना मुश्किल है क्योंकि प्रतिबंध के बाद चोरी-छिपे शराब तस्करी के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं. कभी ट्रक में ईंट-गिटटी में शराब लाइ जा रह है तो कभी सब्जी के बोरों के बीच छिपाकर ले जाई जा रही है. लेकिन पुलिस सो रही है, ऐसा नहीं है, कम से कम चंदौली की पुलिस के लिए तो आप ऐसा नहीं कह सकते. 


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