इस लोकप्रिय खिलाड़ी का चीन पर फूटा गुस्सा, `बन्द करो सभी चाइनीज उत्पाद`
पूरे देश में इस समय चीन के खिलाफ आक्रोश है. लोग चीन की कायराना और धोखेबाज करतूतों के लिये उसे सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं. देश के सुर सुर में सुर मिलाते हुए क्रिकेटर हरभजन सिंह ने बड़ी बात कही है.
नई दिल्ली: गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए. इन बहादुर वीरों ने चीन के भी दोगुने सैनिक झड़प में ढेर कर दिए. चीन का भारत से भी अधिक नुकसान हुआ था. लेकिन देशवासियों में गुस्सा इसलिए अधिक है क्योंकि चीन ने ही धोखा करके घुसपैठ करने की कोशिश की थी और उसके बाद भारत में बैठे चीन प्रेमी नेता और वामी पत्रकार भारतीय सैनिकों पर मिथ्या आरोप लगाने लगे.
विपक्ष के इन सभी नेताओं की तुच्छ राजनीति के कारण सेना का मनोबल क्षीण हुआ. देश के आक्रोश में अपना आक्रोश जोड़ते हुए क्रिकेटर हरभजन सिंह ने चीन को कड़ा सबक सिखाने की मांग की है.
चीनी उत्पादों पर लगे प्रतिबंध- हरभजन
भारत के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर हरभजन सिंह ने ट्वीट करके कहा कि जल्द से जल्द देश में चीनी उत्पाद बन्द होने चाहिए. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव के मद्देनजर उन्होंने किसी भी चीनी ब्रांड का समर्थन नहीं करने का फैसला किया है. भारत में चीनी उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के विचार का समर्थन करते हुए, हरभजन ने घोषणा की कि अब वह किसी भी चीनी उत्पाद का समर्थन नहीं करेंगे.
CAIT ने की हरभजन की सराहना
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने हरभजन सिंह के इस कदम की सराहना की. हरभजन सिंह के चीनी सामानों के बहिष्कार के विचार का समर्थन करने वाले पहले भारतीय सेलेब्रिटी बनने की सराहना करते हुए कहा कि यह पैसे या देशभक्ति के बीच चयन करने का निर्णय है. आपको बता दें कि चीन को कठोर सबक सिखाने के लिए चीनी सामान का खुलकर बहिष्कार करने वाले पहले क्रिकेटर हैं.
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चीन के कुकृत्य पर दुनिया नाराज
चीन की साम्राज्यवादी नीति के खिलाफ पूरी दुनिया नाराज है. दुनियाभर में कई देश भारत का समर्थन कर चुके हैं. अमेरिका ने आधिकारिक रूप से भारतीय सैनिकों की वीरता को नमन किया है. ऑस्ट्रेलिया ने चीन को दुनिया के लिए संकट करार दिया. चीन की वजह से ही सम्पूर्ण विश्व में चीनी वायरस कोविड का प्रकोप है और लाखों लोग इससे जान गवां चुके है. भारत में भी चीन के उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए राष्ट्रवादी स्वदेशी उत्पादों का समर्थन शुरू हो गया है. लोग सड़कों पर उतरकर चीन के उत्पादों को जला रहे हैं.