नई दिल्ली.  समाज के पायदानों में किसी सेक्स वर्कर या पोर्न एक्ट्रेस का स्तर नैतिक तौर पर सबसे नीचा है. उन्हें समाज के बीच खड़े हो कर अपनी गिनती करवाने का अधिकार उनके पास नहीं है क्योंकि उनका कसूर बस इतना है कि अपने पेट के लिये जिस व्यवसाय को उन्होंने अपनाया है, समाज उसे सम्मान नहीं देता. हैरानी इसी बात की है कि आधी दुनिया याने कि मर्दों के लिये बनाये गये इस व्यवसाय को समाज सम्मान नहीं देता तो स्वीकृति क्यों देता है? 


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'शुरुआत होती है इंट्रो शूट से'


''स्टेप टू याने हम फीमेल परफार्मर के हेयर मेकअप के बाद मेल-परफार्मर सेट पर पहुंच जाते हैं और क्रू भी सेट पर आकर शूट की तैयारियों में जुट जाता है. दो बजे से स्टेप थ्री अर्थात शूट की शुरूआत होती है. सबसे पहले इन्ट्रो सीन शूट किया जाता है. सीन की जरूरत के मुताबिक शूट को पूरा वक्त दिया जाता है और तब अक्सर इंट्रो शूट में ही हम लोगों को दो घंटे के करीब का वक्त लग जाता है.''



 


'इन्ट्रो शूट के बाद 'डबल एस'


''डबल एस का अर्थ होता है सेक्स-स्टिल. ये है स्टेप फोर. इंट्रो सीन जैसे ही समाप्त होता है फीमेल और मेल परफॉर्मर्स को बुला कर दोनो के साथ डबल एस याने सेक्स-स्ट‍िल्स शूट किये जाते हैं. इसमें भी लगभग एक घंटा लग जाता है जिसके बाद बाद स्टेप फाइव होता है जिसे हम मेन शूट भी कहते हैं क्योंकि इसमें सेक्स-ऐक्ट को शूट करना होता है. सेक्स ऐक्ट में ज्यादातर वक्त बरबाद नहीं होता और आधे घंटे से पैंतालिस मिनट के भीतर हम लोग मेन शूट पूरा कर लेते हैं.''



 


'इसके बाद स्टेप सिक्स याने सॉफ्टी'


''हम लोग सॉफ्टी कहते हैं सॉफ्टकोर वर्ज़न को जो कि फोटो शूट और वीड‍ियो शूट के बाद किया जाता है. ये है स्टेप सिक्स याने सॉफ्टी इसमें सॉफ्टकोर वर्जन की शूट‍िंग होती है इसमें हम लोगों को प्रायः लगभग डेढ़ से दो घंटे का समय ले लेती है.'' 


(क्रमशः)


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