नई दिल्ली.  भारत में दो मोर्चों पर चीन का विरोध जोरों शोरों पर चल रहा है. एक तो भारत की जनता चीन और चीन के सामान का विरोध कर रही है दूसरे मोर्चे भर पर मोदी सरकार चीन को लगातार झटके दे रही है. चीन को अब दिया गया है एक और झटका जो लगायेगा चीन को 800 करोड़ का चूना.



 


मोदी सरकार हुई सख्त


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ये तो होना ही था और ये चीन को भी पता नहीं था लेकिन फिर भी चीन ने सीमा पर भारत को आंखें दिखाने की जुर्रत की. इसकी वजह ये भी है कि पिछली कांग्रेस सरकारों ने चीन को इतना चारा डाला है कि चीन की आदत पड़ गई है कि भारत को घुड़कियाँ भी दो और भारत के भीतर घुस कर कमाई भी करो. पर मोदी राज में अब ऐसा नहीं होने वाला है. 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद आरएसएस ने कहा था कि नई सरकार चीन का तुष्टिकरण नहीं करेगी बल्कि उसके साथ सख्ती से पेश आएगी.


एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट से किया बाहर 


अब गलवान घाटी में सीमा विवाद के दौर में भारत ने चीन को एक और झटका दे दिया है. भारत सरकार ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के अहम प्रोजेक्ट से दो चीनी कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इस आठ सौ करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट को इन दोनों चीनी कंपनियों से छीन लिया गया है और यह कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया गया है.


नई कम्पनी को मिलेगा कॉन्ट्रैक्ट 


दोनों चीनी कं​पनियों को हाइवे प्रोजेक्ट से जुड़े भारत सरकार के अधिकारियों ने लेटर ऑफ अवॉर्ड देने से मना कर दिया है. यह कॉन्ट्रैक्ट अब उस कम्पनी को दिया जाएगा जिसने दूसरे सबसे कम रेट पर हाइवे के निर्माण की बोली लगाई थी.


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