लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती के तेवर इन दिनों बदले बदले से नजर आ रहे हैं. पिछले कई दिनों से वो कांग्रेस पर अधिक हमलावर हो रही हैं. कोटा में बच्चों की मौतों पर उन्होंने प्रियंका गांधी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा था कि वो यूपी में तो पीड़ितों के घर जाती हैं लेकिन उन्हें कोटा के बच्चों की चीखें नहीं सुनाई देती हैं. हम आपको बताते हैं कि मायावती किस तरीके से भगवा पार्टी के करीब जा रही हैं.


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अनुच्छेद 370 का किया समर्थन


मायावती ने जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर केंद्र सरकार का समर्थन किया था. जब मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का फैसला किया था तो बसपा ने न केवल संसद में उसका समर्थन किया बल्कि संसद के बाहर भी मायावती ने इसे हटाने की जोरदार वकालत की थी. बसपा ने इसके विरोध करने के लिये कांग्रेस की भी आलोचना की थी.


मायावती को भ्रष्टाचार में फंसने का डर


मायावती के परिवार के पास अकूत सम्पत्ति की बात किसी से छिपी नहीं है. केंद्र में मोदी सरकार भ्रष्टाचार के मामले में बहुत सख्ती से निपटने की बात करती है. कई विपक्षी नेता भ्रष्टाचार के मामलों में जेल की हवा खा रहे हैं. मायावती को डर सताता है कि कहीं उन्हें भी पी. चिदंबरम की तरह सीबीआई और ईडी का सामना न करना पड़े. मोदी सरकार में रॉबर्ट वाड्रा समेत कई लोगों पर जांच चल रही है और वे अदालतों के चक्कर काट रहे हैं.



कोटा मामले में प्रियंका गांधी पर बोला हमला


कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इस समय गायब हैं. यूपी में किसी भी घटना पर सरकार को कटघरे में खड़ी करने वाली प्रियंका अपनी ही सरकार से सवाल नहीं कर पा रही हैं कि आखिर इतने बच्चों की मौत कैसे हो गयी. मायावती ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर निशाना साधा था.  मायावती ने कहा कि कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से उनकी मांओं की गोद उजड़ना अति दुखद और दर्दनाक है. प्रियंका पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि अगर कांग्रेस महासचिव कोटा में जाकर मृतक बच्चों की मांओं से नहीं मिलती हैं. इसलिये यूपी के पीड़ितों के परिवार से मिलना सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ और नाटकबाजी ही प्रतीत हो रहा है.


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6 बसपा विधायक कांग्रेस में शामिल


राजस्थान में पिछले दिनों बसपा के 6 विधायकों ने दल बदल कर कांग्रेस का खेमा पकड़ लिया था. आज सोनिया गांधी से मिलने के बाद उन्होंने आधिकारिक रूप से हाथी का साथ छोड़ पंजे को अपनाया. इससे मायावती बहुत नाराज हैं. राजस्थान में उनकी पार्टी का अस्तित्व कांग्रेस ने खत्म कर दिया है. भाजपा जब राजस्थान में सत्ता में थी तब भाजपा ने बसपा तोड़ने की कोशिश नहीं की थी लेकिन कांग्रेस ने राज्य में बसपा का खात्मा कर दिया.


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