नई दिल्ली.  एक तरफ तो ये देखा जा रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी सामने आई है कि दुनिया के देशों में कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. दूसरी तरफ भारत में कोरोना रोगियों की संख्या बढ़ने के बाद भी किसी तरह की किल्ल्त का सामना नहीं करना पड़ रहा है. 


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आक्सीजन वाली खबर बनी राहत  


ये राहत की खबर बताती है कि कोरोना के रोगियों को ऑक्सीजन को लेकर भयातंकित होने की आवश्यकता कदापि नहीं है. एक पड़ताल के माध्यम से कोरोना रोगियों के हित में ऑक्सीजन से जुड़ी ये खबर सामने आई. ये पड़ताल उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और उत्तराखंड के कोविड अस्पतालों में की गई  जिससे पता चला कि कुल मरीजों में से एक प्रतिशत से लेकर तीन प्रतिशत रोगियों को ही ऑक्सीजन के सपोर्ट की आवश्यकता है.


यूपी में तीन प्रतिशत रोगियों को है आवश्यकता 


भारत भर की यदि बात करें तो भारत में कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या कम है और इन गंभीर मरीजों के लिए ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति की जा रही है. इसलिए ऑक्सीजन सपोर्ट को लेकर फिलहाल देश में कोई संकट नहीं है. उदाहरण के लिए यूपी के अस्पतालों की बात करें तो यहां 7050 भर्ती मरीज हैं जिनमें से 235 को ऑक्सीजन सपोर्ट दी गई है.



 


केंद्र सरकार ने की है व्यवस्था 


 केंद्र सरकार ने साढ़े पांच हज़ार के करीब ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था कर रखी है और फिलहाल इनकी आवश्यकता और आपूर्ति को लेकर स्थिति सामान्य है. स्वास्थ्य निदेशक डॉ एस के गुप्ता ने बताया कि देश के कोरोना अस्पतालों में केंद्रीयकृत ऑक्सीजन की प्रणाली की व्यवस्था की गई है और हर चार आइसोलेशन बेड के बीच ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था रखी गई है.


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