नई दिल्ली. सारी दुनिया की तरह फ्रांस में भी कोरोना वायरस को लेकर दवा के निर्माण के प्रयास चल रहे हैं. हाल ही में यहां एक नया टेस्ट कोरोना की दवा बनाने के काफी करीब पहुंच गया बताया जा रहा है. इस नये फार्मूले के अनुसार सिगरेट में पाए जाने वाले निकोटीन से कोरोना वायरस का इलाज किया जा सकता है.


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क्या निकोटीन मारेगा कोरोना को
हाल में हुए फ्रांस के इस शोध के अनुसार कोरोना का इलाज सिगरेट बन सकती है. इधर सिगरेट की बत्ती जली उधर वायरस की बत्ती बुझेगी. और इस काम को करेगा सिगरेट के भीतर का कंपोनेन्ट अर्थात निकोटीन. फ्रांस का यह टेस्ट यदि सफल हो जाता है तो यह भी सिद्ध हो जायेगा कि धूम्रपान करने वालों को कोरोना नहीं हो सकता.


 पेरिस के अस्पताल में चल रहा है टेस्ट
फ्रांस की राजधानी पेरिस के एक प्रमुख अस्पताल में सिगरेट का इस्तेमाल करके कोरोना से लड़ने का हथियार बनाया जा रहा है. शोधकर्ताओं को विश्वास है कि सिगरेट में पाए जाने वाले निकोटीन से कोरोना का उपचार किया जा सकता है. इस अस्पताल में कोरोना पर शोध कर रहे चिकित्सा वैज्ञानिकों ने पहले तो लगभग साढ़े तीन सौ कोरोनो संक्रमण के रोगियों की जांच की. इन रोगियों में से लगभग डेढ़ सौ रोगियों में संक्रमण के हल्के लक्षण पाये गये थे. शोधकर्ताओं ने बताया कि इनमें से सिर्फ पांच प्रतिशत लोग सिगरेट पीते थे.



चीन और इंग्लैन्ड के आंकड़ों ने किया समर्थन
हालांकि फ्रांस का यह टेस्ट अभी किसी परिणाम तक नहीं पहुंच सका है. लेकिन वैश्विक आंकड़े कुछ हद तक इसका समर्थन करते नजर आ रहे हैं. इसके पहले मार्च में इंग्लैंड की एक रिसर्च में पाया गया था कि चीन में कोरोना की चपेट में आए एक हजार रोगियों में लगभग बारह प्रतिशत लोग धूम्रपान करते थे. इसी दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी बताया कि चीन के मरीजों की अनुमानित जनसंख्या के मुकाबले धूम्रपान करने वालों की संख्या कम है.


हालांकि हम ये स्पष्ट कर दें कि धूम्रपान का कोरोना वायरस पर कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं. इसके परिणाम आने बाकी हैं. ज़ी हिंदुस्तान किसी भी तरह से धूम्रपान को बढ़ावा नहीं देता है