नई दिल्ली.  भारत में पाकिस्तान के निशान को मिल रहा है निशान-ए-पाकिस्तान. भारत के साथ गद्दारी करने वाले हर शख्स को पाकिस्तान और चीन से ईनाम मिलेगा चाहे वो अफजलप्रेमी गैंग हो, देशद्रोही मीडिया हो या दूसरे सबसे बड़े पाकिस्तान-परस्त नेता. सैयद अली शाह गिलानी तो बस एक मोहरा है जिसको माला पहना कर पाकिस्तान दूसरे भारत-द्रोहियों को सीधा संदेश दे रहा है.  


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संसद में हुआ प्रस्ताव पास


 पाकिस्तान की संसद में ये प्रस्ताव पास हो गया है और अब  कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को पकिस्तांन अपने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजेगा. 'निशान-ए-पाकिस्तान' नामके इस सम्मान की माला गिलानी के गले में डालने के फैसले पर पाकिस्तान की सीनेट की मुहर लग गई है. 


विश्वविद्यालय का नाम भी गिलानी पर 


गिलानी को बैठे ठाले भारत के साथ गद्दारी का बड़ा पुरस्कार मिल रहा है. निशाने पाकिस्तान की चद्दर तो चढ़ेगी ही गिलानी के शरीर पर साथ ही इस्लामाबाद के एक विश्वविद्यालय का नाम भी गिलानी के नाम पर रखा जाना तय किया गया है. इस विश्वविद्यालय के आहते में गिलानी का बुत भी लगा दिया जाएगा जिस पर आने वाले बरसों बरस तक कौए बैठेंगे.


जीवनगाथा भी रखी जायेगी 


भारत तोड़ने की मंशा रखने वाले इस कृतघ्न नेता को पाकिस्तान अपनी गोदी में बिठा कर प्यार लुटाता नजर आ रहा है. पाकिस्तानी संसद में पास प्रस्ताव में गिलानी की जीवनगाथा को भी राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने की बात भी पक्की की गई है. हैरानी नहीं होगी यदि कल आपको खबर मिले कि बुढ़ापे के छिलके पर फिसल रहे गिलानी को पाकिस्तान अपना दामाद भी बनाने वाला है.


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