बेटियों की रक्षा के लिए ग्वालियर में शुरु की गई `बेटी की पेटी`
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में `बेटी की पेटी` के नाम से महिला सुरक्षा पर बेहद जबरदस्त अभियान की शुरुआत की गई है. आईए आपको बताते हैं कि आखिर क्या है ये अभियान
ग्वालियर. यहां की पुलिस ने एक बेहद सराहनीय अभियान की शुरुआत की है. इसकी वजह से बेटियां बिना हिचक के अपनी शिकायत पुलिस के पास पहुंचा सकेंगी.
सार्वजनिक स्थानों पर लटकाई जा रही है 'बेटी की पेटी'
ग्वालियर अंचल में महिला अपराधों से निपटने के लिए पुलिस ने "बेटी की पेटी" का सहारा लेने का फैसला किया है. पुलिस ने स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल, कोचिंग कॉन्प्लेक्स, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मंदिर और सार्वजनिक चौराहों पर 'बेटी की पेटी' लटकाना शुरू कर दिया है.
जिसमें छात्राएं, युवतियां, महिलाएं अपनी शिकायतें लिखकर डाल सकती है. इन शिकायतों के आधार पर पुलिस अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.
इलाके में बढ़ गए थे महिलाओं के खिलाफ अपराध
ग्वालियर चंबल अंचल में महिला अपराध पर लागू नकेल कसना पुलिस के लिए चुनौती बनता जा रहा था. छेड़छाड़, अश्लील कमेंट, प्रताड़ना, अपहरण, बलात्कार जैसी घटनाएं पुलिस के लिए सिरदर्द बनती जा रही थीं. यही वजह है कि इस तरह की शिकायतों से निपटने के लिए पुलिस ने 'बेटी की पेटी' योजना लांच की है.
जिले में 24 घंटे में अलग-अलग स्थानों में छेड़छाड़, मारपीट, प्रताड़ना, दहेज़, अपहरण, रेप के लगभग 12 मामले दर्ज होते है. यही वजह है कि बेटी की पेटी योजना से छात्राओं, युवतियों और महिलाओं में खुशी है. इनका कहना है कि बेटी की पेटी में वह अपनी शिकायत बेझिझक लिख कर डाल सकती है.
सबसे बड़ी बात यह है कि छात्राएं, युवतियां और महिलाएं कई बार छेड़छाड़ आदि घटनाओं का अपने घर में जिक्र नहीं कर पाती है, वो भी गुमनाम शिकायत आरोपी के खिलाफ कर पाएंगी.
ग्वालियर में महिला अपराध पर नजर डालें तो जनवरी से अक्टूबर तक के 10 महीने में 339 छेड़छाड़ की घटनाएं 145 बलात्कार के मामले दर्ज हुए हैं.
आईजी की पहल पर हुई शुरुआत
'बेटी की पेटी' नाम की इस अनोखी पहल को शुरु करने का श्रेय जाता है ग्वालियर रेंज के आईजी ADGP राजा बाबू सिंह को. जिनके दिमाग में यह अनोखा आइडिया आया था.
ये अभियान सिर्फ ग्वालियर तक ही सीमित नहीं है. बल्कि शिवपुरी, दतिया, गुना, अशोकनगर जिले में भी बेटी की पेटियां लगाई जा रही है.
कुछ इस तरह होगी कार्रवाई
बेटी की इन पेटियों में छात्राएं, युवतियां, महिलाएं अपने साथ होने वाली घटनाओं की लिखित में शिकायत कर सकती हैं. जिसके बाद उस इलाके के थाना की महिला पुलिस अधिकारी रोजाना शाम को बेटी की पेटी को खोलेगी और उनकी शिकायतों को जमा करेंगी.
इन शिकायतों की छंटनी की जाएगी और उसके आधार पर शिकायतों के खिलाफ कार्रवाई थाना स्तर पर की जाएगी. पूरे संभाग की बेटी की पेटी में आई शिकायतों के निवारण और रणनीति का ब्यौरा रोजाना एडीजीपी राजा बाबू सिंह के पास पहुंचेगा.