नई दिल्ली.  भारत ने बिना किसी अपेक्षा के कोरोना काल में अमेरिका की सबसे बड़ी मदद की थी और उसे भारी मात्रा में कोरोना के मरीजों के लिए हाइड्रोक्सी-क्लोरोक्विन की आपूर्ति की थी. अब अमेरिका ने भी अपने मित्र देश के लिए अपने मैत्री कर्तव्य का निर्वाह किया है और अपने वायदे के अनुसार कोरोना मरीजों की जान बचाने के काम में आने वाले वेंटिलेटर्स भारत भेजने शुरू कर दिये हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


 


अगले हफ्ते भारत पहुंचेंगे सौ वेंटिलेटर


बुधवार 3 जून को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन वार्ता हुई जिसके दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने उन्हें बताया कि अमेरिका की तरफ से भारत क सौ वेंटीलेटर्स की पहली खेप अगले हफ्ते भेजी जा रही है. मोदी और ट्रम्प के बीच G7 सम्मेलन, कोविड-19 से निपटने और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी बातचीत हुई. 


व्हाइट हाउस ने फोनवार्ता पर प्रसन्नता व्यक्त की 


 व्हाइट हाउस ने अमेरिकी मीडिया से बात करते हए कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोनवार्ता हुई है. फोनवार्ता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए व्हाइट हाउस के प्रतिनिधि ने बताया कि दोनो नेताओं के बीच कई आवश्यक मुद्दों पर बात हुई है. 


व्हाइट हाउस ने जारी किया बयान


व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति ट्रम्प तथा प्रधानमन्त्री मोदी के बीच हुई बातचीत के बारे में बयान जारी किया और बताया कि राष्ट्रपति को यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता है कि अगले हफ्ते अमेरिका अपने वादे के अनुसार 100 वेंटीलेटर्स की पहली खेप भेजने के लिए तैयार है..


पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर प्रसन्नता व्यक्त की


व्हाइट हाउस के बयान के पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि उनकी अपने मित्र ट्रंप से उत्साहपूर्ण वार्ता हुई जो सार्थक रही. उन्होंने लिखा कि हम दोनो के मध्य  G-7 की अमेरिका की अध्यक्षता के लिए अमेरिका की योजनाओं, कोरोना महामारी सहित कई अहम विषयों पर वार्ता हुई.


ये भी पढ़ें. ट्रम्प ने सड़क पर उतारे अमरीकन सोल्जर