नई दिल्ली. कोरोना से बचाव के लिए बनाई जाने वाली दवा को भारत सरकार की मंजूरी मिल गई है और अब इस कंपनी को दिया जा रहा है दवा निर्माण के लिए लाइसेंस. आगे और भी कंपनियों को कोरोना की दवा के निर्माण की अनुमति और लाइसेंस प्रदान किया जाएगा जिसकी बहुत जरूरत भी पड़ सकती है. फिलहाल कोरोना से युद्ध में सरकार हर कदम सोच कर उठा रही है और हर फैसला बहुत सावधानी से कर रही है.


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स्विस फार्मा को मिली जिम्मेदारी 


कोरोना वायरस की दवा बनाने की स्विस फार्मा को मिली है जिम्मेदारी. दवा नियामक डीसीजीआई से कोरोना वायरस संक्रमण की जांच की मंजूरी मिलने के बाद ही यह अनुमति प्रदान की है और अब इसके बाद स्विस फर्म रोशे डायग्नोस्टिक्स इंडिया भारत में कोरोना संक्रमण की जांच करने वाली पहली निजी के रूप में भी जानी जायेगी. इतना ही नहीं अब सरकार ने निजी डायग्नोस्टिक केंद्रों को भी कोरोना जांच करने की अनुमति दे दी है. 


एक और कम्पनी भी बनाएगी कोरोना की दवा 


भारतीय औषधि नियामक संस्थान के अधिकारियों के अनुसार डीसीजीआई फिलहाल एक दूसरी निजी डायग्नोस्टिक फर्म बायोमेरिक्स को भी लाइसेंस देने की दिशा में सोच रहा है. इस फर्म ने खुद ही आगे बढ़ कर कोरोना वायरस संक्रमण की जांच करने की अनुमति मांगी है. अब ये मंजूरी मिलने में सात दिन लगेंगे उसके बाद ही बायोम्रीक्स  कोविड19 की पुष्टिकरण वाले परीक्षण प्रारम्भ करेगी. 



 


दो अन्य कंपनियों ने भी किया अनुरोध 


संस्थान के सूत्रों ने बताया कि दो अन्य भारतीय डायग्नोस्टिक कंपनियां भी इस सिलसिले में कार्य करने की इच्छुक हैं.  त्रिवित्रोन हेल्थकेयर और माय लैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस ने स्व-विकसित कोरोना वायरस संक्रमण जांच किट को मंजूरी देने के लिए डीसीजीआई से अनुरोध किया है.


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