थ्री इडियट्स वाले राष्ट्रवादी वांगचुक ने खोला चीन विरोधी मोर्चा
विख्यात शिक्षाविद सोनम वांगचुक ने अब राष्ट्रप्रेम के एक नए अभियान को प्रारम्भ किया है. सोनम वांगचुक ने देशवासियों का आवाहन करते हुए कहा है कि आइये स्वदेशी अपनाएँ और मिल कर चीन की कमर तोड़ें..
नई दिल्ली. अब समय आ गया है कि चीन का नाम बदल कर दुश्मन चीन किया जाए. जहां जहां हमें चीन शब्द का इस्तेमाल करना है, हम दुश्मन चीन कह कर लिख कर बोल कर अपने देश के सबसे बड़े दुश्मन को सम्बोधन दें. और इतना ही आवश्यक यह भी है कि हम सब मिल कर हर उस चीन का बहिष्कार करें जो मेड इन चाइना हों. और ठीक यही बात कही है थ्री इडियट्स के प्रेरणास्रोत सोनम वांगचुक ने.
''नहीं खरीदना है तो नहीं खरीदना है!''
जो संदेश शिक्षाविद सोनम वांगचुक ने दिया है उसमें देशप्रेम की सोंधी खुशबू आती है और हर उस भारतीय को, जिसे भारत से प्यार है, सोनम वांगचुक की बात बहुत पसंद आने वाली है. बनिया देश चीन की आर्थिक कमर तोड़ना ही उसको सही सबक सिखाना है. इसी बात को ध्यान में रख कर सोनम वांगचुक ने कहा है कि - हमें इतना पक्का संकल्प करना होगा कि हम चीन में बना कोई भी सामान नहीं खरीदेंगे, चाहे दुनिया इधर से उधर हो जाए !
''अर्थव्यवस्था तोड़ दो चीन की!''
सोनम वांगचुक ने कहा कि अगर हम सब भारतवासी एक हो जाएँ तो दुश्मन देश चीन के सामान का इतने बड़े पैमाने पर बायकॉट करके उसकी अर्थव्यवस्था को छिन्न-भिन्न कर सकते हैं. इतना ही नहीं इससे एक और बड़ा फायदा ये भी होगा कि चीन की जनता गुस्से में आ कर तख्ता पलट कर देगी और शी जिंगपिंग की तानाशाही का अंत हो जाएगा.
''छोटी-छोटी चीज़ों पर ध्यान देना होगा''
चीन विरोधी अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह समर्पित सोनम वांगचुक एक सच्चे राष्ट्रवादी भारतीय हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी को छोटी-छोटी चीज़ों पर ध्यान देना होगा और उनको खरीदने से पहले देखना होगा कि कहीं वे मेड इन चाइना तो नहीं हैं. उन्होंने कहा कि भारत आज भी मैन्युफैक्चरिंग, हार्डवेयर, दवाओं के कच्चे माल, मेडिकल इंस्ट्रूमेंट, चप्पल-जूते जैसी बहुत सारी छोटी-छोटी और सस्ती वस्तुओं के लिए चीन पर निर्भर है.
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