BrahMos: भारत के इस `ब्रह्मास्त्र` से डरते हैं चीन-पाकिस्तान, दुनियाभर के देशों में इसकी डिमांड!

BrahMos Missile- इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत का रुख करने वाले हैं. माना जा रहा है कि इस दौरान वह ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर भी समझौता कर सकते हैं. खबरों की मानें तो इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ब्रह्मोस मिसाइल के लिए करार भी करेंगे. इसके बाद अगले कुछ ही सालों में उन्हें इसकी डिलीवरी दे दी जाएगी. इससे पहले चलिए जान लेते हैं इस मिसाइल के बारे में कुछ खास बातें.

भावना साहनी Jan 03, 2025, 22:32 PM IST
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ब्रह्मोस मिसाइल

ब्रह्मोस मिसाइलों को रूस और भारत ने मिलकर तैयार किया था. इसका दो नदियों के नामों पर तय किया गया था. एक भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्क्वा नदी के नामों से मिलकर बना 'ब्रह्मोस'. इसका पहला परीक्षण 2001 में किया गया था. अब यह मिसाइल भारतीय सेना का हिस्सा बन चुकी है.

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ब्रह्मोस मिसाइल

ब्रह्मोस मिसाइल की सबसे बड़ी ताकत है इसकी गति. इसकी गति ध्वनि की गति से भी लगभग 3 गुना अधिक गति से यात्रा करती है. यही कारण है कि दुश्मन के पास इसे रोकने के लिए बेहद कम वक्त होता है.

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ब्रह्मोस मिसाइल

इसकी एक और खासियत यह है कि ये मिसाइल हवा में भी अपनी गति बदल सकती है. इस मिसाइल को मेनुवरेबल तकनीक के साथ बनाया गया है. इसी वजह से यह मिसाइल दागे जाने के बावजूद अपने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही रास्ता बदलने की क्षमता रखती है.

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ब्रह्मोस मिसाइल

ब्रह्मोस मिसाइल को हवा, जमीन और समुद्र से भी लॉन्च किया जा सकता है. इस कारण यह एक बहुमुखी हथियार बनती है. इसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर है, जो इसे दुनिया की सबसे तेज मारक मिसाइल बनाती है. यह अपने लक्ष्य को बहुत दूर से मार सकती है. यह इसे एक लंबी दूरी का हथियार बनाता है जिसका उपयोग दुश्मन के क्षेत्र में गहराई तक हमला करने के लिए किया जा सकता है.

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ब्रह्मोस मिसाइल

ब्रह्मोस मिसाइल में 'फायर एंड फॉरगेट' की क्षमता है. इसका अर्थ है यह एक बार लॉन्च होने के बाद अपने लक्ष्य को स्वायत्त रूप से ढूंढने और उसे नष्ट करने में सक्षम है. अपनी इस क्षमता की वजह से यह मिसाइल एक प्रभावी हथियार कहलाती है.

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