चंद्र ग्रहण का नमाज से क्या लेना देना है? जानें- क्यों है इस्लाम धर्म में महत्वपूर्ण
lunar eclipse 2024: हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं. हिंदू धर्म के दौरान चंद्र ग्रहण के दौरान नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए कुछ उपाय किए जाते हैं. क्या आप जानते हैं चंद्र ग्रहण के दौरान इस्लाम धर्म में भी कुछ मान्यताएं है.
Luner Eclips 2024
इस्लाम में चंद्र ग्रहण: इस्लाम धर्म में चंद्र ग्रहण का भी विशेष महत्व होता है. ग्रहण के दौरान मुस्लिम लोगों को नमाज पढ़ने की सलाह दी जाती है. इस्लाम धर्म में चंद्र ग्रहण के दौरान लोग मस्जिद में साथ बैठकर नमाज अदा की है.
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आम दिनों से अलग नमाज: इस्लाम धर्म के अनुसार जब चंद्र ग्रहण लगता है, उस दौरान जो नमाज अदा की जाती है वह नॉर्मल दिनों की नमाज से बहुत अलग होती है. चंद्र ग्रहण के दौरान पढ़ी जाने वाली नमाज को सलात अफ कुसूफ कहा जाता है. यह नमाज अन्य नमाजों से काफी अलग होती है.
prophet mohammed
कौन पढ़ सकता है ग्रहण की नमाज: इस्लाम धर्म के अनुसार चंद्र ग्रहण की नमाज हर मुसलमान को पढ़नी चाहिए. वहीं नमाज उसे अदा करनी होती है जिन्होंने ग्रहण के दौरान चांद को देखा हो, अगर कोई इंसान ग्रहण के दौरान चंद्रमा को देख लेता है तो उसे मस्जिद में जाकर नमाज पढ़नी चाहिए, जब तक ग्रहण का प्रभाव खत्म न हो जाए. ऐसे में ग्रहण के दौरान नमाज सामान्य दिनों के मुकाबले लंबी होती है.
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इब्राहिम की मौत: इस्लाम धर्म की मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान पैगंबर मोहम्मद के बेटे इब्राहिम की मौत हुई थी. इस्लाम में चंद्र ग्रहण को इब्राहिम की मौत का कारण माना जाता है.
Disclaimer
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.