हनुमान चालीसा के इस दोहे में छिपा है सारी परेशानियों से छुटकारे का राज, क्या आपको इसका मतलब पता है
Hanuman Chalisa: हिंदू धर्म में हर कोई हनुमान चालीसा का पाठ करता है. बच्चों में कम उम्र से ही हनुमान चालीसा पढ़ने की आदत डाली जाती है.
कलियुग का देवता
माना जाता है कि हनुमान जी कलियुग में किसी न किसी तरह से भ्रमण कर रहे हैं. उन्हें कलियुग का देवता कहा जाता है. वहीं रोज हनुमान चालीसा पढ़ने से हर तरह की परेशानी दूर होती है.
विद्या के सागर
हनुमान जी को अमरता का वरदान मिला है. कलियुग में हनुमान जी को जागृत देव माना गया है. हनुमान जी को बल, बुद्धि, विद्या का सागर माना जाता है. हनुमान जी की पूजा से आत्मविश्वास, आत्मबल बढ़ता है.
महावीर विक्रम बजरंगी
इसीलिए हनुमान चालीसा में एक दोहा है, 'महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी' जिसका मतलब है कि हे महावीर बजरंग बली, आप विशेष बल पराक्रम वाले हैं. आप खराब बुद्धि को दूर करते हैं और अच्छी बुद्धि के सहायक हैं.
शंकर सुवन केसरी नंदन
बजरंग बली के बल को लेकर हनुमान चालीसा में कहा गया है, 'शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जग वंदन.' इसका तात्पर्य है, हे शंकर के अवतार, हे केसरी नंदन आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर में वंदना होती है.
जो सत बार पाठ कर कोई
हनुमान चालीसा में एक दोहा है 'जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई'. इसका अर्थ है- जो हनुमान चालीसा का 100 बार पाठ करेगा, वो बंधन से छूट जाएगा और उसे परमानन्द की प्राप्ति होगी.