क्रिकेटर बनने से पहले 400-500 रुपये के लिए ये काम करते थे हार्दिक पांड्या, अब हैं फैन्स के निशाने पर

Hardik Pandya Trending: हार्दिक पांड्या और टीवी पर्सनालिटी जैस्मीन वालिया के बीच डेटिंग की अफवाहें जोरों पर हैं. हार्दिक क्रिकेटर बनने से पहले क्या करते थे?

नितिन अरोड़ा Fri, 16 Aug 2024-1:06 pm,
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भारतीय टीम के बेहतरीन ऑलराउंडर और अपनी आक्रामक बल्लेबाजी शैली, अपनी बेहतरीन फील्डिंग और अपनी प्रभावी मध्यम-तेज गेंदबाजी के लिए मशहूर हार्दिक पांड्या को उनके साथी खिलाड़ी 'कुंग-फू पांडा' के नाम से भी बुलाते हैं. हार्दिक ने अपने जीवन में खूम नाम कमाया, लेकिन इन दिनों उनकी चर्चा क्रिकेट के चक्कर में नहीं बल्कि शादी, अफेयर्स व अन्य चीजों को लेकर ज्यादा है. और साथ ही हम आपको ये भी बताएंगे कि क्रिकेटर बनने से पहले वे क्या काम करते थे.

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हार्दिक पांड्या और टीवी पर्सनालिटी जैस्मीन वालिया के बीच डेटिंग की अफवाहें जोरों पर हैं, वहीं उनकी पत्नी नताशा स्टेनकोविक उनसे अब अलग हो चुकी हैं. जैस्मीन के साथ हार्दिक की छुट्टियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद फैंस का रिएक्शन बदल गया है.

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दरअसल, हार्दिक से अलग होने के लिए पहले फैंस नताशा को दोषी ठहराते थे, लेकिन अब कई प्रशंसकों ने नताशा से माफी मांगी है.  नताशा ने वन-पीस ड्रेस में एक शानदार रील शेयर की थी. उसपर लोगों ने कहा, 'आप बेहतर की हकदार हैं' और पहले उन्हें जज करने के लिए उन्हें खेद भी जताया. एक फैन ने यह भी लिखा, 'हार्दिक एक अच्छे क्रिकेट खिलाड़ी हैं, इससे यह प्रमाणित नहीं होता कि वह एक अच्छे पति भी थे.'

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जुलाई में नताशा और हार्दिक ने सोशल मीडिया पर आधिकारिक तौर पर अपने तलाक की घोषणा की थी. उनकी शादी लंबे समय से मुश्किल दौर से गुजर रही थी, पिछले कुछ दिनों में नताशा को धोखा देने वाले पोस्ट लाइक करते देखा गया. हार्दिक और जैस्मीन की तस्वीरें सामने आने के बाद, अटकलों ने और ज्यादा ध्यान खींचा. नताशा अपने बेटे अगस्त्य के साथ सर्बिया में अपने गृहनगर वापस चली गई हैं.

 

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आज हार्दिक एक से बढ़कर एक बड़ी गाड़ी में घूमते हैं. बड़े-बड़े ब्रांड के प्रोडक्ट यूज करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वे क्रिकेटर बनने से पहले क्या करते थे? अपनी किशोरावस्था के दौरान, हार्दिक ट्रकों पर सवार होकर गुजरात के विभिन्न गांवों में जाते थे और स्थानीय टेनिस बॉल टूर्नामेंट में भाग लेकर '400-500 रुपये' कमाते थे. उन दिन-रात के टूर्नामेंटों से उन्हें जो पैसे मिलते थे, उससे पांड्या बंधुओं, हार्दिक और क्रुणाल को अपना क्रिकेट का सामान खरीदने में मदद मिलती थी.

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