सिर्फ बादशाह ही नहीं ये लोग भी बनाते मुगल हरम की महिलाओं से शारीरिक संबंध, जानें क्या थी मजबूरी?
मुगल हरम को लेकर देश में कई किताबें और अन्य तरह का साहित्य मौजूद है. इसमें महिलाओं की संख्या, उनकी स्थिति और बादशाहों के व्यवहार को लेकर इतिहासकारों के बीच कई मत हैं. अकबर के अलावा भी कई मुगल शासकों के हरम की कहानियां मशहूर हैं.
mughal harem
एक बार हरम में एंट्री हो जाने के बाद महिलाओं का संपर्क बाहरी दुनिया से बिल्कुल टूट जाता था. उसे आगे की पूरी जिंदगी हरम की चहारदीवारी के भीतर ही गुजारनी पड़ती थी. इस चहारदीवारी के बाहर निकलने का उसके पास सिर्फ एक विकल्प होता था. वह विकल्प था का राजा का दिल जीतना. यानी अगर राजा का दिल हरम में रह रही किसी महिला पर आ गया तो वह उसे लेकर बाहर भी जा सकता था.
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महिलाओं को सिर्फ राजा का दिल जीतना होता था. वो किसी और के साथ शारीरिक संबंध नहीं बना सकती थीं. इसी वजह से हरम की कई महिलाओं के संबंध वहां के अधिकारियों से भी हो जाते थे. हरम में बादशाह अपने गुप्तचर रखते थे और किसी भी तरह के विद्रोह को दबाने के लिए पूरी जानकारी अपने पास रखते थे.
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हरम में रहने वाली महिलाएं अपनी बीमारियों और किसी की मौत पर चर्चा नहीं कर सकतीं. अगर इनमें से कोई बीमार होता था तो उन्हें तब तक 'बीमारखाने' में शिफ्ट कर दिया जाता था जब तक वह स्वस्थ न हो जाए.
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कहते हैं कि जहांगीर के हरम में दुखों पर चर्चा के लिए कोई जगह नहीं होती थी. यानी हरम में रह रही महिलाएं अपनी मुश्किलों पर चर्चा नहीं कर सकतीं. मुख्य विचार यह था कि इस जगह पर सिर्फ सुख और आनंद की चर्चा की जाए.
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The Naked Mughals: Forbidden Tales of Harem and Butchery नाम की किताब मुगल शासन के दौरान हरम से जुड़ी कई बातों पर चर्चा करती है. हरम में महिलाओं की स्थिति पर भी यह किताब कई बातें तथ्यों के साथ बताने की कोशिश करती है.