CAA दिल्ली दंगों को एक साल- तस्वीरों में देखिए इसके गुनहगार!
CAA के विरोध के नाम पर आम जनता को दहशत की आग में झोंक देने का सिलसिला तो देशभर में चला, लेकिन इसका खात्मा राजधानी दिल्ली में दंगों की शक्ल लेकर हुआ. आगजनी, भीषण नफरती माहौल और समाज को सहूलियत देने की मांग पर समाज को ही बांट देने की जो कोशिश दिल्ली में हुई दुनिया भर की निगाहें इस पर गड़ गईं. तब भारत में उस समय अमेरिकी राष्ट्रपति रहे ट्रंप का दौरा था. 23 फरवरी 2020 की उस तारीख को आज एक साल पूरे हो रहे हैं.
सफूरा जरगर- गर्भवती होने के कारण भी रहीं चर्चित
सफूरा जरगर इस दंगे और कथित आंदोलन का अधिक ही चर्चित चेहरा रहीं. 27 साल की सफूरा जामिया मिल्लिया इस्लामिया की एमफ़िल की छात्रा हैं. वे जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी (जेसीसी) की मीडिया कॉर्डिनेटर भी हैं. सफ़ूरा की गिरफ्तारी में उनका गर्भवती होना चर्चा की वजह बना. 24 फरवरी 2020 को थाने में दर्ज FIR-48 के तहत 10 अप्रैल 2020 को सफूरा को पूछताछ के लिए बुलाया गया, इसके बाद देर शाम उन्हें गिरफ्तार किया गया था.
शरजील इमाम- सामने आया नफरती वीडियो
JNU छात्र शरजील इमाम (Sharjeel Imam) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. वीडियो में शरजील राष्ट्र विरोधी बयानबाजी करते हुए दिखा और जिसमें वह उत्तर-पूर्व भारत को शेष भारत से काटने की बात करता है. शाहीन बाग में चल रहे विरोध-प्रदर्शन के शुरुआती दौर में शरजील इसका आयोजक भी रहा. इस मामले में फरार शरजील को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया है. शरजील इमाम पर भी UAPA लगाई गई है.
देवांगना कलिता- सरकारी अफसर को Duty करने से रोका
देवांगना कलिता को 30 मई 2020 को दरियागंज में सीएए विरोधी प्रदर्शन से जुड़े हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया. ये घटना 20 दिसंबर 2019 को हुई थी. देवांगना पर दंगा करने, सरकारी अधिकारी को ड्यूटी करने से रोकने का आरोप लगाया गया. देवांगना पर बीते साल पांच जून को स्पेशल सेल ने FIR-59 में गिरफ्तार किया और उन पर UAPA लगाया गया. देवांगना भी नताशा के साथ ही गिरफ्तार हुई थीं. पुलिस की चार्जशीट में इन पर भी यही आरोप हैं.
नताशा नरवाल- जेएनयू छात्र,पिंजरा तोड़ की सदस्य
नताशा नरवाल जेएनयू की छात्रा और पिंजरा तोड़ ग्रुप की सदस्य के तौर पर पहचानी जाती हैं. 23 मई को नताशा को FIR-48 के तहत गिरफ्तार किया गया था. आरोप था कि इन्होंने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर हिंसा से एक दिन पहले एंटी CAA प्रदर्शन आयोजित किया था. पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, नताशा दिल्ली दंगों की साजिश रचने में शामिल हैं. उन्होंने एक Whasts App मैसेज के जरिए लोगों को भड़काने की कोशिश भी की थी.
इशरत जहां- जगतपुरी में भीड़ को उकसाया
कांग्रेस की पार्षद रह चुकीं इशरत जहां पेशे से वकील भी हैं. जगतपुरी इलाके में हुई हिंसा के मामले में इशरत को गिरफ्तार किया गया था. उन पर आरोप था कि उन्होंने भीड़ को भड़काया और इकट्ठा होने के लिए कहा. उत्तर पूर्वी जिले में हिंसा के बीच 26 फरवरी को जगतपुरी इलाके के खजूरी में कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां की मौजूदगी में गोलियां चली थीं. इस मामले में दर्ज एफआइआर के मुताबिक इशरत जहां ने भीड़ को उकसाते हुए कहा कि हम चाहें मर जाएं, लेकिन हम यहां से नहीं हटेंगे, चाहे पुलिस कुछ भी कर ले, हम आजादी लेकर रहेंगे. इशरत भी FIR-59 में गिरफ्त में हैं.
उमर खालिद- भड़काऊ भाषण देकर लोगों को जुटाया
JNU का पूर्व छात्र उमर खालिद दिल्ली दंगों का सबसे चर्चित और आरोपों से घिरा चेहरा है. खालिद को खजूरी खास में दंगे भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. ताहिर हुसैन (AAP से निलंबित पार्षद) के साथ दंगे भड़काने के आरोप में पिछले साल अक्तूबर-2020 में गिरफ्तार किया गया था. चार्जशीट में दर्ज है कि 23 से 25 फरवरी के बीच हुए दिल्ली दंगों की साज़िश जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने रची. पुलिस का कहना है, "ये एक बड़ी तैयारी के साथ रचा गया षड्यंत्र था. उमर ख़ालिद ने भड़काऊ भाषण दिया और अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की 24-25 फरवरी की भारत यात्रा के दौरान सड़कों और सार्वजनिक जगहों पर लोगों से जुटने को कहा.
ताहिर हुसैन- घर की छत पर मिला दंगों का सामान
आप से निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की भूमिका दिल्ली दंगों के दौरान स्पष्ट तौर पर पाई गई. पुलिस के बयान और चार्जशीट इसकी तस्दीक करती हैं. सामने आया कि दयालपुर इलाके में ताहिर के घर की छत पर 100 से ज्यादा दंगाई थे. उनके पास पेट्रोल बम थे. घर की छत से भी पत्थर और पेट्रोल बम बनाने के सामान मिले थे. अक्टूबर 2020 में अदालत ने भी सुनवाई के दौरान माना था कि ताहिर हुसैन की मौजूदगी की पुष्टि के पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं. उसने उन लोगों को भड़काया जो किसी की भी जान ले सकते थे.