Pager Attack: पेजर के बम बनने की क्या कहानी, हिजबुल्लाह के लड़ाकों की जेब में कैसे पहुंचा मौत का सामान?
Pager Attack In Lebanon: लेबनान में हुए पेजर अटैक ने दुनिया को चौंका दिया था. 12 लड़ाकों की इस अटैक में मौत हो गई है. अब सवाल ये उठता है कि इजरायल की खुफिया एजेंसी ने इन पैजरों में बम कैसे डाला. आइए इसके बारे में जानते हैं,
लेबनान में पेजर अटैक
लेबनान में हिजबुल्लाह पर बड़ा अटैक हुआ है. यह कोई ड्रोन या मिसाइल हमला नहीं है, बल्कि पेजर अटैक है. दावा है कि इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने पेजर को ही बम बना दिया. इसका इस्तेमाल हिजबुल्लाह के सदस्य करते हैं, जिन्हें इनके फटने से नुकसान हुआ. करीब 12 लोगों की मौत की भी सूचना है. सैंकड़ों लोग इस पेजर हमले में घायल हुए हैं. लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि पेजर बम बना कैसे?
हिजबुल्लाह के लड़ाकों पर अटैक
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि करीब हजार पेजर ब्लास्ट होने का अनुमान है. इस सीरियल ब्लास्ट की चपेट में हिजबुल्लाह के 3 हजार लड़ाके आए हैं. कुछ अधिकारियों ने दावा किया है कि पेजर लड़ाकों के पास पहुंचे, उससे पहले ही इनसे छेड़छाड़ हो गई थी. दावा है कि ये छेड़छाड़ इजरायल की एजेंसी मोसाद ने की.
पेजर में कैसे फिट हुआ बम?
हिजबुल्लाह ने ताइवान की 'गोल्ड अपोलो' नामक कंपनी से पेजर मंगवाए थे. इस शिपमेंट को तीन महीने तक नजदीक के एक बंदरगाह पर रोका गया. यहीं पर इजरायली एजेंसी ने इसमें बम लगाया. मोसाद ने PETN (एक प्रकार का विस्फोटक) इस्तेमाल किया. इसे पेजर के इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में फिट किया गया.
पेजर पर आया मैसेज
पेजर फटा, उससे पहले इस पर एक मैसेज आया. वाइब्रेशन हुआ और तीन बार 'ERROR' लिखा आया. ये बम को एक्टिवेट करने का मैसेज था. जैसे ही हिजबुल्लाह के लड़ाकों ने मैसेज देखा, पेजर फट गया. कुछ लोगों ने इस धमाके में अपने हाथ, तो कुछ ने अपनी आंखें खो दी.
पेजर में विस्फोट लगाया
पेजर में बैटरी के पास 30 से 60 ग्राम विस्फोटक लगाया गया. इनमें एक डेटोनेटर भी फिट किया, जिसे दूर से ऑपरेट किया जा सकता है. दावा है कि इसका पूरा कंट्रोल इजरायल की एजेंसियों के पास था.