Pager Bomb: पेजर ही नहीं, फोन और किताब बम भी बना चुकी मोसाद... यहां पढ़ें इजरायली सीक्रेट एजेंसी के अनसुने किस्से!
Pager Bomb Blast in Lebanon: Hezbollah को टारगेट करने के लिए इजरायल की खुफिया एजेंसी ने लेबनान में पेजर बम ब्लास्ट किए हैं. इसमें अब तक 11 लोगों की मौत की सूचना मिली है. सैंकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं.
लेबनान में सीरियल ब्लास्ट
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद एक बार फिर चर्चा में है. दावा है कि लेबनान में हुए सीरियल ब्लास्ट के पीछे मोसाद का हाथ है. मोसाद ने यहां पर पेजर के जरिये ब्लास्ट किए. इनमें 11 लोगों की मौत हुई, 4 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. 400 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब मोसाद ने इस तरह के ब्लास्ट किए हैं.
मोसाद ने भेजा था किताब बम
इससे पहले हिजबुल्लाह के फाउंडर को मोसाद किताब बम भी भेज चुकी है. यह किस्सा 14 फरवरी, 1984 का है. उस दिन वैलेंटाइन डे था. सीरिया की राजधानी दमास्कस में ईरानी दूतावास पर अली अकबर मोहतशामीपोर के नाम से एक पार्सल आया. अली अकबर तक ये पार्सल पहुंचा, उसने खोलकर देखा था तो इसमें एक चिट्ठी थी.
साथ में रखी थी चिट्ठी
अली अकबर ने पढ़ने के लिए चिट्ठी खोली. इसमें लिखा था- हमारी दोस्ती को कबूल करने लिए यह किताब स्वीकार करें. फिर अली अकबर ने किताब खोल और इसे खोलते ही एक बड़ा ब्लास्ट हुआ. कमरे में धुआं-धुआं हो गया.
बेहद ही खतरनाक धमाका
यह धमाका बेहद खतरनाक था. अली अकबर की जान तो बच गई, लेकिन एक हाथ उखड़कर दूर गिर गया और दूसरे हाथ ही दो उंगलियां भी कट गईं. कहा जाता है कि किताब बम इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने भेजा था.
मोसाद का फोन बम
साल 1972 में जर्मनी के म्यूनिख में ओलंपिक चल रहे थे. तब आतंकियों ने 11 खिलाड़ियों की हत्या कर दी थी. इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने इन आतंकियों को फोन बम, जहर की सुई और कार बम से मारा.