उम्र बढ़ने के साथ नहीं जा रही बच्चे की हकलाने की समस्या? घर बैठे-बैठे इन उपायों की लें मदद
Stammering In Child: वैसे तो बच्चे का हकलाना आम है, लेकिन अगर बढ़ती उम्र के साथ यह बंद नहीं होता है तो ये आपके लिए चिंता का विषय बन सकता है. हकलाने की आदत छुड़ाने के लिए आप इन तरीकों की मदद ले सकते हैं.
बच्चों का हकलाना या तुतलाना एक तरह का स्पीच डिसऑर्डर है, जिसमें बच्चे को बात करते समय काफी मुश्किलें आती हैं. एक स्टडी के मुताबिक सभी बच्चों में से 5 प्रतिशत बच्चे जब बोलने की शुरुआत करते हैं तब वे हकलाते हैं. इन 5 प्रतिशत में से 75 प्रतिशत बच्चे बड़े होते-होते और युवावस्था तक पहुंचते हुए ठीक हो जाते हैं, लेकिन 1 प्रतिशत बच्चे युवावस्था में आने के बाद भी हकलाते हैं. बढ़े होने पर हकलाने की समस्या के कारण कई बच्चों के आत्मविश्वास में कमी आने लगती है.
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योग और स्पीच थेरेपी: बच्चे में बढ़ती उम्र के साथ हकलाने की समस्या बढ़ रही है तो आप उन्हें उज्जायी, कपालभाति और अनुलोम- विलोम जैसे योग और प्राणायाम के अभ्यास के जरिए इस समस्या को दूर कर सकते हैं. बच्चों में हकलाने की समस्या को दूर करने के लिए आप स्पीच थेरेपी की मदद भी ले सकते हैं. इससे भी बच्चों का हकलाना बंद हो सकता है.
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मनोचिकित्सक: बच्चा किस कारण से हकला रहा है इसको जानना भी बेहद जरूरी है. ऐसे में आप मनोचिकत्सक की मदद ले सकते हैं. वे इसका कारण जानकर आपके बच्चे का सही इलाज कर सकते हैं. इससे हकलाने के कारण बच्चों में आ रही आत्मविश्वास की कमी भी ठीक हो सकती है.
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आंवला: आंवले की मदद से भी आप बच्चे का हकलाना दूर कर सकते हैं. इसके लिए इसके लिए आप उन्हें कच्चा या पका आंवला चूसने के लिए दे सकते हैं. बता दें कि आंवला चूसने और चबाने से उनकी जीभ पतली होती है, जिससे बच्चों की आवाज साफ निकलती है.
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सौंफ और मिश्री: अगर आपका बच्चा बहुत ज्यादा हकलाता है तो आप 5gm सौंफ को कूटकर 300ml पानी के 100ml होने तक उबालें. फिर इसमें 50gm मिश्री और 250gm गाय का दूध मिलाकर अपने बच्चे को रोज सोने से पहले पिलाएं. इससे बच्चे को काफी मदद मिल सकती है.
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Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें .