Puducherry: किन पांच मुद्दों पर लड़ा जा रहा है चुनाव, तस्वीरों में जानिए

इस साल चार राज्यों सहित 6 अप्रैल को केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में भी विधानसभा चुनाव होने हैं. मौजूदा वक्त में पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है. दरअसल, 4 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी. इस बार पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है. इस चुनाव में सियासी पासा पलट सकता है. आइए जानते हैं इस विधानसभा चुनाव में कौन से जरूरी मुद्दे हैं.

ज़ी हिंदुस्तान वेब टीम Thu, 25 Mar 2021-1:48 pm,
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पूर्ण राज्य का दर्जा

पुडुचेरी (Puducherry) की जनता हमेशा से पूर्ण राज्य के दर्जा की मांग करती आई है. पुडुचेरी भारत का ऐसा पहला केंद्र शासित प्रदेश है, जहां विधानसभा और चुनी हुई सरकार की एक संवैधानिक व्यवस्था है. हाल ही में यहां राजनीतिक संकट के बीच किरण बेदी को एलजी पद से हटा दिया गया था. मौजूदा वक्त में पुडुचेरी राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है. अटकलें हैं कि इस बार चुनाव में सियासी पासा पलट सकता है. पुडुचेरी (Puducherry) की पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी के साथ मुख्यमंत्री नारायणसामी की खींचतान हमेशा से ही रही है. राज्य के विकास को लेकर मुख्यमंत्री नारायणसामी (V Narayanasamy) ने कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने अपना दु:ख जताया था. सरकार ने किरण बेदी पर आरोप लगाया था कि वह पुडुचेरी सरकार के कार्यों में बाधा डालती थीं. ऐसे में यहां की जनता केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रही है.

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पुडुचेरी को मिला दिया जाएगा तमिलनाडु में

हाल ही में सीएम वी नारायणसामी (V Narayanasamy) ने दावा किया है कि अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो पुडुचेरी को तमिलनाडु का हिस्सा बना दिया जाएगा. उन्होंने जनता के सचेत करते हुए कहा कि अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो वे सरकार की शक्तियों को कम कर देंगे और इसे तमिलनाडु में भी मिला देंगे. इस बात को कहते हुए सीएम ने जनता के सामने दिल्ली का उदहारण रखा. उन्होंने कहा कि दिल्ली में कैसे राज्य सरकार को कमजोर किया जा रहा है और दिल्ली के उपराज्यपाल के कार्यालय को अधिकार दिए गए हैं. भाजपा राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर पलटवार किया कि जब भी हम पूछते हैं कि कांग्रेस ने 5 साल में क्या किया है तो वे पौराणिक, काल्पनिक या झूठ का सहारा लेती हैं. मैं नारायणस्वामी के बयान से हैरान नहीं हूं. क्षेत्रफल के हिसाब से बात की जाए तो पुडुचेरी गोवा के मुकाबले काफी छोटा है, लेकिन जनसंख्या में दोनों लगभग बराबर हैं. गोवा और पुडुचेरी का इतिहास भी लगभग एक सा ही है. गोवा के निवासी महाराष्ट्र का हिस्सा नहीं बनना चाहते, उसी तरह पुडुचेरी के निवासी भी तमिलनाडु का हिस्सा नहीं बनना चाहते.

 

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चुनाव से ठीक पहले किरण बेदी को हटा कर क्या कांग्रेस को हुआ नुकसान

पुडुचेरी में राजनीतिक संकट के बीच किरण बेदी को एलजी पद से हटा कर सबको चौंकाया था. इस विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए कांग्रेस किरण बेदी को ही बड़ा मुद्दा बना रही थी साथ ही केंद्र की बीजेपी सरकार पर बेदी के जरिए राज्य सरकार के कामकाज में रोड़ा अटकाने का आरोप लगा रही थी, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने चुनाव से ठीक पहले किरण बेदी को एलजी पद से हटा कर सबको हैरत में डाल दिया. दरअसल, 2016 में बेदी के उपराज्यपाल बनने के बाद से ही कांग्रेस सरकार और उनके बीच शक्तियों के बंटवारे और प्रशासनिक मामलों को लेकर टकराव चल रहा था और मुख्यमंत्री वी नारायणसामी संग कांग्रेस के कई बड़े नेता उन्हें पद हटाने के लिए धरना भी दे चुके थे. इस बीच अब बीजेपी ने किरण को पद से हटाकर कांग्रेस से एक अहम मुद्दा छीन लिया है.

 

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क्या पुडुचेरी की जनता चाहती है डबल इंजन सरकार

चुनावी रैली के दौरान बीजेपी लगातार पुडुचेरी में डबल इंजन सरकार की बात कर रही है. हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पुडुचेरी के जनता से वादा किया था कि अगर यहा एनडीए की सरकार बनती है तो प्रदेश में डबल ग्रोथ होगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश मे सर्वांगीण ढांचागत विकास के तौर पर केंद्र शासित प्रदेशों को 20,000 करोड़ रुपये मूल्य की सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी है. उन्होंने आगे कहा अगर केंद्र और राज्य में एक ही नेतृत्व वाली सरकार होगी तो पुडुचेरी में अच्छा काम होगा और डबल विकास होगा. नितिन गडकरी ने कहा कि अगर हमारी सरकार (एनडीए) सत्ता में आती है तो रोजगार के अवसर बढ़ा देगी. ढांचा क्षेत्र के विकास में काफी बड़े बदलाव होंगें. पुडुचेरी में पहली बार बीजेपी सरकार बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है. अब सवाल उठता है कि क्या पुडुचेरी की जनता डबल इंजन सरकार चाहती है.

 

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कांग्रेस लगा रही है केंद्र पर भेदभाव का आरोप

जहां एक तरफ एनडीए सरकार प्रदेश में डबल इंजन सरकार की बात कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाती आई है. हाल ही में पुडुचेरी (Puducherry) के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी (V Narayanasamy) ने कहा था कि केंद्र शासित प्रदेशों (Union Territory) के साथ केंद्र सरकार दोहरी नीति अपनाती है. नारायणसामी ने कहा सरकार को जब जैसा मन करता है वह उस हिसाब से हमारे साथ व्यवहार करती है, इससे अच्छा है कि सरकार हमें ट्रांसजेंडर (Transgender) घोषित कर दे. नारायणसामी के इस बयान के बाद प्रदेश में काफी विरोध भी हुआ था. कांग्रेस सरकार ने कहा जब जीएसटी जैसे विषयों की बात आती है, तो पुडुचेरी के साथ अन्य राज्यों की तरह व्यवहार किया जाता है. लेकिन जब कोई अच्छी योजना आती है जिससे पुडुचेरी में लागू करने की जरूरत है, उसे केंद्र शासित प्रदेश की तरह देखा जाने लगता है. साथ ही मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की थी. इस चुनाव में कांग्रेस भेदभाव का मुद्दा जरूर उठाएगी.

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