शिवजी के 5 चमत्कारी मंदिर, कहीं झाड़ू चढ़ाने से खत्म होता है चर्म रोग, तो कहीं हर रोज बदल जाता है शिवलिंग का रंग

Sawan 2024: हिंदू धर्म में सावन महीने का विशेष महत्व है. इस दौरान देवों के देव महादेव की आराधना की जाती है. मान्यता है कि सच्चे मन से भोलेनाथ की आराधना करने से जीवन की सारी परेशानियां दूर होती हैं. आइए जानते हैं सावन के मौके पर देश 5 रहस्यमयी शिव मंदिरों के बारे में.

ज़ी हिंदुस्तान वेब टीम Tue, 16 Jul 2024-2:51 pm,
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बिजली महादेव मंदिरः हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित बिजली महादेव का मंदिर अपने रहस्यमयी घटनाओं के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है. मान्यता है कि इस मंदिर पर हर 12 सालों में एक बार बिजली गिरती है और इस बिजली से इस मंदिर को नुकसान भी नहीं पहुंचता है लेकिन शिवलिंग के टुकड़े-टुकड़े हो जाते हैं. बाद में मंदिर के पुजारी नाज, दाल के आटे और मक्खन से शिवलिंग को दोबारा जोड़ने का काम करते हैं. 

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स्तंभेश्वर महादेव मंदिरः गुजरात के कवि कंबोई में स्थिति स्तंभेश्वर महादेव का मंदिर स्वयं समुद्र के अभिषेक करने से बेहद चर्चित है. यह मंदिर समुद्र के बीचो बीच बसा है और समुद्र की लहरें दिन में दो बार मंदिर को पूरी तरह के डूबो देती है. ऐसा सुबह और शाम दो बार होता है. 

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अचलेश्वर महादेव मंदिरः राजस्थान के माउंट आबू में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर में स्थित शिवलिंग का रंग रोजाना बदलता रहता है. दिन में इसका रंग केसरिया होता है. वहीं, शाम के समय यह सांवला हो जाता है. इस मंदिर में शिवजी के अंगूठे की पूजा की जाती है. 

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उड़ीसा के टिटलागढ़ में एक ऐसा शिव मंदिर हैं, जहां मंदिर के बाहर तो भीषण गर्मी होती है, लेकिन भीतर जाते ही ठंड में लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं. भीतर इतनी ज्यादा ठंडी होती है कि लोगों के लिए 5 मिनट रुकना भी मुश्किल हो जाता है. 

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पातालेश्वर मंदिरः उत्तर प्रदेश के बहनोई गांव में स्थित पातालेश्वर मंदिर में शिवलिंग पर झाड़ू चढ़ाने की परंपरा रही है. स्थानीय लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि मंदिर में झाड़ू चढ़ाने से लोगों को चर्म रोग से मुक्ति मिलती है. इसी वजह से देश के कोने-कोने से लोग इस मंदिर में आते हैं. 

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